भूपिंदर सिंह अपनी 75 साल की मां भगवंती को हार्ट अटैक आने के बाद हॉस्पिटल ले जा रहे थे, लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी अपनी बेटी और ऑलराउंडर अमनजोत सिंह को नहीं दी, जिन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ महिला वर्ल्ड कप फाइनल में फील्डिंग से मैच पलटा। पेशे से बढ़ई और कॉन्ट्रैक्टर भूपिंदर नहीं चाहते थे कि महिला वर्ल्ड कप खेलते समय अमनजोत का ध्यान भटके।

अमनजोत की दादी उनसे काफी करीब हैं। उन्होंने जब पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो उनकी दादी पार्क में एक कुर्सी पर बैठकर उनका हौसला बढ़ाती थीं। वह यह भी ध्यान रखती थीं कि कोई उनकी पोती को परेशान न करे। जब हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली भारतीय टीम ने मुंबई में वर्ल्ड कप जीता, तो भूपिंदर सिंह अपनी मां को रेगुलर मैच अपडेट देते रहे।

अमनजोत की ताकत रही हैं मां

भूपिंदर सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मेरी मां भगवंती, अमनजोत की ताकत रही हैं जब से उसने मोहाली में हमारे फेज 5 वाले घर की सड़क और पार्क में क्रिकेट खेलना शुरू किया। जब मैं बालोंगी में अपनी बढ़ई की दुकान पर होता था तो वह घर के बाहर या पार्क में बैठकर अमनजोत को लड़कों और दूसरी लड़कियों के साथ खेलते हुए देखती थीं। पिछले महीने उन्हें हार्ट अटैक आया था। हमने अमनजोत को इसके बारे में नहीं बताया और पिछले कुछ दिनों से हम उनके इलाज के लिए अस्पताल में हैं। वर्ल्ड कप जीत निश्चित रूप से इस मुश्किल समय में हमारे लिए एक सहारा बनकर आई है।”

फील्डिंग से पलटा मैच

भारतीय टीम ने रविवार (2 नवंबर) को 52 रन से साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार महिला वर्ल्ड कप का खिताब जीता। इस मैच में बल्ले और गेंद से अमनजोत कुछ खास नहीं कर पाईं, लेकिन उन्होंने फील्डिंग में शानदार प्रदर्शन किया। 299 रन का लक्ष्य का पीछा करते हुए लॉरा बुलफार्ट और ताजमिन ब्रिट्स की ओपनिंग जोड़ी ने साउथ अफ्रीका को शानदार शुरुआत दिलाई। भारत को पहला विकेट 10वें ओवर में मिला जब अमनजोत ने मिड विकेट से डायरेक्ट थ्रो मारकर ब्रिट्स को रन आउट किया। इसके अलावा अमनजोत ने शतक जड़ने वालीं बुलफर्ट का डीप मिड विकेट पर शानदार कैच लपका, जिससे भारत की जीत सुनिश्चित हो गई।