भारतीय टीम गुरुवार को बांग्लादेश का सामना करने उतरेगी। बांग्लादेश ने शुरुआती मैच जीतने के बाद लगातार दो मैच गंवाए हैं, वहीं भारतीय टीम जीत की हैट्रिक लगाने में सफल रही है। यह मैच पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) में खेला जाएगा। बांग्लादेश ने इस मैदान पर कभी कोई मैच नहीं खेला है। यह मैदान पहली बार वर्ल्ड कप मैच की मेजबानी करने वाला है लेकिन पुणे शहर वर्ल्ड इतिहास के सबसे बड़े उलटफेरों में से एक का गवाह रहा है।
जवाहर लाल नेहरू में खेले जाते थे मैच
एमएसीए से पहले जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पुणे में खेले जाने वाले मैचों की मेजबानी किया करता था। इसी मैदान पर केन्या और वेस्टइंडीज के बीच वर्ल्ड कप मुकाबला खेला गया था जिसमें बड़ा उलटफेर हुआ था। केन्या ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 166 रन बनाए थे। टीम के केवल दो ही खिलाड़ी 25 से ज्यादा रन बना पाए थे। कैरिबियाई खिलाड़ी कर्टनी वॉल्श और रोजर हापर ने 3-3 विकेट लिए थे।
केन्या ने किया था उलटफेर
ऐसा लग रहा था कि वेस्टइंडीज की टीम आराम से यह मुकाबला जीत लेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। विंडीज की टीम केवल 35.2 ओवर में 93 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। टीम के दो ही खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा पार कर पाए। केन्या के राजब अली और मॉरीस ओडुंबे ने तीन-तीन विकेट लेकर कैरिबियाई टीम के खिलाफ ऐतिहासिक जीत की इबादत लिखी और पुणे उसका गवाह बना।
वहीं एमसीए की बात करें तो 2012 से अब तक इस मैदान पर सात वनडे मैच खेले गए हैं। इन सात मैचों में भारत को चार में जीत मिली वहीं तीन में उसे हार का सामना करना पड़ा। भारत का जीत का प्रतिशत 57 से भी ज्यादा है।
भारत फिर से नहीं चहेगा ऐसा उलटफेर
बांग्लादेश भी उन टीमों में शामिल हैं जो कि उलटफेर करने के लिए जानी जाती है। भारत भी इसका शिकार रह चुका है। साल 2007 में बांग्लादेश के खिलाफ हार के बाद भारत पहले ही राउंड में वर्ल्ड कप से बाहर हो गया था। तब टीम की कप्तानी राहुल द्रविड़ के हाथों में थी कि जो कि अब हेड कोच की भूमिका हैं। टीम इंडिया नहीं चाहेगी कि उलटफेर के पहचाने जाने वाला यह शहर एक बार फिर ऐसे उलटफेर का गवाह बनेगा। भारत के फॉर्म को देखकर इसकी संभावना काफी कम नजर आती है।