महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए सकारात्मक इरादे के साथ मैदान पर कदम रखने की सलाह दी है। गावस्कर का कहना है कि भारतीय क्रिकेट टीम को शर्मनाक हार को भुलाकर नए सिरे से शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने टीम मैनेजमेंट को प्लेइंग इलेवन में दो बदलाव करने की भी सलाह दी है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में पृथ्वी शॉ की जगह ‘ऑलराउंडर’ केएल राहुल से ओपनिंग कराने की सलाह दी। साथ ही एडिलेड टेस्ट में नहीं चुने गए शुभमन गिल को मध्यक्रम में उतारने की बात कही। केएल राहुल के लिए ‘ऑलराउंडर’ शब्द इस्तेमाल करना इसलिए सही होगा, क्योंकि वह ओपनिंग से लेकर 5वें-6वें नंबर तक बल्लेबाजी क्रम में खुद को साबित कर चुके हैं। यही नहीं, विकेट के पीछे भूमिका निभाने में भी वह काबिल हैं। गावस्कर ने 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में 2 बदलाव करने की सलाह दी।
गावस्कर ने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट टीम को दो बदलाव करने चाहिए। मेरे ख्याल से सबसे पहले पृथ्वी शॉ की जगह सलामी बल्लेबाज के रूप में केएल राहुल को रिप्लेस करना चाहिए। वहीं, नंबर 5 या नंबर 6 के लिए शुभमन गिल को चुनना चाहिए। वह अच्छी फॉर्म में है। अगर हम अच्छी शुरुआत करते हैं तो चीजें बदल सकती हैं।’
उन्होंने कहा, ‘भारत को मेलबर्न टेस्ट की शुरुआत अच्छे से करनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वह सकारात्मकता के साथ मैदान पर कदम रखे। ऑस्ट्रेलिया की कमजोर स्थिति उसकी बल्लेबाजी है। भारतीय टीम को खुद के अंदर यह विश्वास पैदा करना होगा कि वह टेस्ट सीरीज के बाकी मैचों में वापसी कर सकते हैं। यदि भारतीय टीम सकारात्मकता के साथ नहीं उतरेगी तो वे 4-0 से भी सीरीज हार सकते हैं।’
गावस्कर ने कहा, ‘अगर वे सकारात्मकता के साथ मैदान में उतरते हैं तो क्यों नहीं यह (वापसी) हो सकता है? इस तरह के प्रदर्शन के बाद गुस्सा स्वाभाविक है, लेकिन क्रिकेट में, कुछ भी हो सकता है। देखिए एक दिन पहले (मैच का दूसरा दिन) कैसा सीन था और एक दिन बाद (मैच का तीसरा दिन) क्या हुआ?’
सुनील गावस्कर ने यह भी रेखांकित किया कि एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में भारतीयों द्वारा कैच टपकाए जाने और गलत फील्डिंग प्लेसमेंट ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए फायदेमंद साबित हुई। यदि भारतीय क्रिकेटर्स ने गलती नहीं की होती तो वे (ऑस्ट्रेलिया) पहली पारी में 100 से ज्यादा रन नहीं बना सकते थे।