रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टेस्ट टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से कड़ी शिकस्त झेलनी पड़ी। इसके बाद उसके विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल खेलने की संभावनाओं पर लगभग पानी फिर चुका है। ताजा समीकरण यह है कि यदि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम 4-0 से टेस्ट सीरीज नहीं जीतती है तो वह डब्ल्यूटीसी 2024-25 का फाइनल खेलना भूल ही जाए।

भारतीय टीम यदि ऑस्ट्रेलिया में असफल रहती है तो वह संभवतः रोहित शर्मा के टेस्ट करियर का अंत भी हो सकता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इससे पहले भी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी दिग्गज भारतीय क्रिकेटर्स अनिल कुंबले, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और एमएस धोनी के टेस्ट करियर का आखिरी पड़ाव साबित हो चुकी है।

अनिल कुंबले: साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के दौरान टीम इंडिया के कप्तान अनिल कुंबले थे। यह चार टेस्ट मैच की सीरीज थी, लेकिन अनिल कुंबले ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम (अब अरुण जेटली स्टेडियम) पर खेले गए तीसरे टेस्ट के बाद ही अपने संन्यास का ऐलान कर दिया। तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था। चौथे टेस्ट मैच में एमएस धोनी ने भारत की कमान संभाली थी। भारत ने यह सीरीज 2-0 से अपने नाम की थी।

सौरव गांगुली: सौरव गांगुली के टेस्ट करियर का अंत भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से हुआ। सौरव गांगुनी ने नवंबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था। उसमें उन्होंने पहली पारी में 85 रन बनाए थे। हालांकि, दूसरी पारी में वह खाता भी नहीं खोल पाए थे। भारत ने वह टेस्ट मैच में 172 रन से जीता था। सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट में 42.17 के औसत से 7212 रन बनाए थे। इसमें उनके 16 शतक भी शामिल हैं।

राहुल द्रविड़: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ ने भी अपना अंतिम टेस्ट मैच (जनवरी 2012) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था, जो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का हिस्सा था। राहुल द्रविड़ ने अपने आखिरी टेस्ट मैच की पहली पारी में एक और दूसरी पारी में 25 रन बनाए थे। वह मैच 24 से 28 जनवरी 2012 के बीच एडिलेड स्थित एडिलेड ओवल में खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया ने वह मैच 298 रन से जीता था। राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में 164 टेस्ट में 52.31 के औसत से 13288 रन बनाए थे। इसमें उनके 36 शतक भी शामिल हैं।

वीवीएस लक्ष्मण: साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन पर भारत की ऐतिहासिक जीत के नायक वीवीएस लक्ष्मण के टेस्ट करियर के लिए भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अंतिम सीरीज साबित हुई। वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के करियर का अंतिम टेस्ट मैच एक ही था। वीवीएस लक्ष्मण ने उस मैच की पहली पारी में 18 और दूसरी पारी में 35 रन बनाए थे। वीवीएस लक्ष्मण ने अपने करियर में 134 टेस्ट में 45.97 के औसत से 8781 रन बनाए थे। इसमें उनके 17 शतक भी शामिल हैं।

वीरेंद्र सहवाग: भारतीय टेस्ट इतिहास में दो तिहरे शतक लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के लिए भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी उनके टेस्ट करियर का अंत लेकर आई। वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट करियर का आखिरी मैच मार्च 2013 में हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था, जो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का हिस्सा था। वीरेंद्र सहवाग ने उस टेस्ट मैच की पहली पारी में 6 रन बनाए थे। दूसरी पारी में भारत को बल्लेबाजी नहीं करनी पड़ी, क्योंकि उसने इनिंग और 135 रन से मैच जीत लिया। भारत की ओर से उस टेस्ट मैच में मुरली विजय ने शतक (167 रन) और चेतेश्वर पुजारा ने दोहरा शतक (204 रन) बनाए थे। वीरेंद्र सहवाग ने अपने करियर में 104 टेस्ट में 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए थे। इसमें उनके 23 शतक भी शामिल हैं।

एमएस धोनी: अपनी अगुआई में आईसीसी की तीनों बड़े टूर्नामेंट (टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी) जीतने वाले एमएस धोनी ने दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास का ऐलान कर दुनिया को चौंका दिया था। एमएस धोनी ने मेलबर्न स्थित मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए 4 मैच की सीरीज का तीसरा टेस्ट खत्म होने के बाद अपने संन्यास का ऐलान किया था। यही वजह थी कि चौथे टेस्ट मैच में विराट कोहली ने टीम इंडिया की कमान संभाली थी। तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था। एमएस धोनी ने उस मैच की पहली पारी में 11 और दूसरी पारी में नाबाद 24 रन बनाए थे। एमएस धोनी ने अपने करियर में 90 टेस्ट मैच खेले। इसमें उन्होंने 38.09 के औसत से 4876 रन बनाए थे। इसमें 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल थे।