भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने भारत और दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज को लेकर भविष्यवाणी की है। गावस्कर की भविष्यवाणी यदि सच साबित हुई तो टीम इंडिया इस बार साउथ अफ्रीका की धरती पर इतिहास रचने में सफल हो जाएगी।
गावस्कर का कहना है कि टीम इंडिया टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करेगी। ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक, गावस्कर ने सुपरस्पोर्ट चैनल पर कहा, ‘टीम इंडिया पिछले 6-8 महीने से जिस तरह का प्रदर्शन कर रही है और क्रिकेट खेल रही है, उसको देखते हुए सीरीज का नतीजा उसके पक्ष में 3-0 होगा। इसमें कोई शक नहीं है कि टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका की अब तक की सबसे कमजोर टीम का सामना कर रही है।’
सुपरस्पोर्ट क्रिकेट साउथ अफ्रीका का आधिकारिक प्रसारक है। उसके कॉमेंट्री पैनल में शामिल सुनील गावस्कर एकमात्र भारतीय हैं। कॉमेंट्री पैनल की लिस्ट में पांच दक्षिण अफ्रीकी शामिल हैं। इनमें रॉबिन पीटरसन, वर्नोन फिलैंडर, शॉन पोलक, मखाया एनटिनी और हाशिम अमला शामिल हैं।
इसके अलावा सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री के कोचिंग कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि के बारे में जिक्र किया। गावस्कर ने शास्त्री के कोचिंग की सबसे बड़ी उपलब्धि को उजागर करते हुए भारत के 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे को याद किया।
ऑस्ट्रेलिया दौरे में एडिलेड में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट मैच में टीम इंडिया केवल 36 रन पर ढेर हो गई थी। हालांकि, उसके बाद टीम इंडिया ने शानदार वापसी की और सीरीज पर अपना कब्जा जमाया। गावस्कर ने कहा, ‘शास्त्री ने जिस तरह से खिलाड़ियों को प्रेरित किया, वह शानदार था।’
उन्होंने कहा, ‘36 रन के स्कोर पर ऑलआउट होने के बाद भारतीय टीम ने जिस तरह से वापसी की, उसकी चर्चा जरूर होनी चाहिए। जब ऐसा होता है तो टीम अपने ऊपर से विश्वास खो देती है। टीम काफी निराश हो जाती है। वह हार मान लेती है।’
गावस्कर ने कहा, ‘वहीं पर, रवि शास्त्री ने अपनी अहम भूमिका निभाई, क्योंकि मैंने जो पढ़ा है उसके हिसाब से उन्होंने कहा था, ‘इन 36 रनों को एक बैज की तरह पहनो।’ गावस्कर ने यह भी कहा, ‘इसके बाद अजिंक्य रहाणे ने शानदार कप्तानी की।’
गावस्कर ने कहा, ‘टीम के सभी खिलाड़ियों ने भी अपना-अपना योगदान दिया। हमारे कई प्रमुख खिलाड़ी उपलब्ध नहीं थे, लेकिन जो भी खिलाड़ी उस टीम में था, उन सभी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। इससे पता चलता है कि पूर्व कोच का युवा खिलाड़ियों के ऊपर कितना बड़ा प्रभाव था।’