भारत ने रविवार (28 सितंबर) को पाकिस्तान को हराकर एशिया कप 2025 का खिताब जीता, लेकिन उसने ट्रॉफी नहीं ली। इसके कारण एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं। भारतीय टीम ने नकवी से ट्रॉफी लेने ही नहीं बल्कि मंच साझा करने के भी मना कर दिया।
इसके कारण सूर्यकुमार यादव की टीम को ट्रॉफी नहीं मिली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने नकवी को चेतावनी देते हुए भारत को जल्द से जल्द ट्रॉफी और मेडल देने को कहा। इस बीच खबर है कि भारत को एशिया कप की ट्रॉफी सौंपने के लिए मोहसिन नकवी तैयार हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए शर्त रखी है।
नकवी की शर्त
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार नकवी ने आयोजकों से कहा है कि भारतीय टीम को पदक और ट्रॉफी दी जाएगी। वह स्वयं उन्हें प्रदान करेंगे, बशर्ते कोई औपचारिक समारोह आयोजित किया जाए। समारोह आयोजित होने की संभावना कम है। ऐसे में गतिरोध जारी रहेगा।
समझौता करने की कोशिश
प्रेजेंटेशन सेरेमनी में देरी हो रही थी, ऐसे में एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) और अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने समझौता करने की कोशिश की, लेकिन नकवी नहीं माने। ईसीबी अध्यक्ष खालिद अल जरोनी और बीसीबी अध्यक्ष अमीनुल इस्लाम द्वारा विजेताओं को और नकवी द्वारा पाकिस्तानी टीम को सम्मानित करने का प्रस्ताव रखा गया। लेकिन नकवी ने कहा कि एसीसी प्रमुख होने के नाते यह उनका विशेषाधिकार है।
चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में दुबई नहीं आए थे नकवी
इस साल की शुरुआत में ऐसी ही स्थिति में नकवी ने सुर्खियों से दूर रहने का फैसला किया था और चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के लिए दुबई न जाने का फैसला किया था। पीसीबी उस आईसीसी आयोजन का मेजबान था। हालांकि, इस बार वह समय से पहले ही दुबई पहुंच गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तानी खेमा आश्वस्त था और नकवी औपचारिक सम्मान देने के लिए पूरी तैयारी के साथ आए थे।
सबको पता था भारतीय टीम किसी पाकिस्तानी से ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेगी
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में यह बात सबको पता थी कि भारतीय टीम किसी पाकिस्तानी अधिकारी से ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेगी। फिर भी फाइनल खत्म होने तक किसी ने इस मुद्दे पर बात नहीं की। भारतीय टीम ने मैच जीतने से पहले यह नहीं कहा था। मैच के बाद भारतीय टीम प्रबंधन ने अपना रुख स्पष्ट किया।
यह सुझाव भी सामने आया
भारतीय खेमे ने मुंबई में बीसीसीआई पदाधिकारियों से सलाह-मशविरा करने के बाद कहा कि टीम ट्रॉफी लेगी, लेकिन नकवी से नहीं। यह सुझाव भी आया कि गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल जैसा कोई विदेशी सहयोगी स्टाफ सदस्य मेडल ले सकता है, लेकिन मैच के बाद की अफरा-तफरी में इस पर विचार नहीं हो सका।