भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच एक नवंबर से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शुरू हुआ। न्यूजीलैंड ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया। हालांकि, रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की फिरकी के आगे उसके बल्लेबाज बहुत ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाये और पूरी टीम 65.4 ओवर में 235 रन पर पवेलियन लौट गई। भारतीय पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही।
रोहित शर्मा 3 चौके लगाने के बाद 18 के स्कोर पर मैट हेनरी की गेंद पर टॉम लैथम को अपना कैच थमा बैठे। उस समय भारत के खाते में सिर्फ 25 रन जुड़े थे। रोहित शर्मा की जगह शुभमन गिल बल्लेबाजी के लिए आए। शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल ने तेज बल्लेबाजी का मुजाहिरा पेश किया। ऐसा लग रहा था कि पहले दिन का खेल खत्म होने तक दोनों क्रीज पर बने रहेंगे।
पहले दिन स्टम्प होने में सिर्फ 5 ओवर का खेल बचा था, भारत का स्कोर एक विकेट पर 78 रन (17) था, तभी यशस्वी के एक गलत शॉट चयन ने पूरा नजारा ही बदल दिया और अगले 10 मिनट और 9 गेंद के भीतर स्कोर 84/4 (18.3) हो गया। भारत के और 3 बल्लेबाज (यशस्वी जायसवाल, मोहम्मद सिराज और विराट कोहली) पवेलियन लौट चुके थे। कहना गलत नहीं होगा कि एक समय ड्राइविंग सीट पर रहे भारत ने अंतिम 15 मिनट में न्यूजीलैंड को मैच में आगे कर दिया। नीचे उन 9 गेंदों का ब्योरा दिया गया है।
यशस्वी की रिवर्स स्वीप लगाने की गलत कोशिश
17.2 ओवर: एजाज पटेल 18वां ओवर लेकर आए। उन्होंने अपनी दूसरी गेंद पर यशस्वी जायसवाल को बोल्ड कर दिया। यशस्वी जायसवाल 4 चौके की मदद से 52 गेंद में 30 रन बनाकर पवेलियन लौटे। भारत का स्कोर 78/2 हो गया। एजाज पटेल की यह गेंद लेग स्टम्प पर लेंथ बॉल थी। टप्पा पड़ने के बाद थोड़ा अंदर की ओर आई।
यशस्वी जायसवाल ने रिवर्स स्वीप लगाने की कोशिश की, लेकिन गेंद घूमती हुई बैट और पैर के नीचे से विकेट में जा लगी। रोहित के आउट होने के बाद चीजों को नियंत्रण में रखते दिख रहे यशस्वी जायसवाल यदि सिर्फ स्वीप खेलते तो उनके लिए बेहतर होता, लेकिन उन्होंने पहले से ही अपना मन बना लिया था, इसलिए उन्होंने ऐसा किया। गेंद नीचे की ओर गई और स्टम्प से टकरा गई।
सिराज का नाइट वाचमैन के रूप में आना समझ से परे
17.3 ओवर: अगली गेंद पर मोहम्मद सिराज एलबीडब्ल्यू हो गए। भारत का स्कोर 78/3 हो गया। मोहम्मद सिराज नाइट वाचमैन के रूप में आये थे। उन्हें नाइट वाचमैन के रूप में भेजना क्रिकेट प्रशंसकों ही नहीं विशेषज्ञों को भी समझ नहीं आया। कमेंट्री के दौरान रवि शास्त्री ने इसे लेकर टिप्पणी भी की। नाइट वाचमैन के रूप में किसी खिलाड़ी को भेजने का मतलब है कि खेल खत्म होने से पहले विकेट गिरने पर विशुद्ध बल्लेबाज को भेजने से बचना है। हालांकि, टीम प्रबंधन ने उन्हें क्यों भेजा यह समझना मुश्किल है।
फिर, सबसे बड़ी बात यह है कि मोहम्मद सिराज ने सामने से प्लम्ब हिट होने के बाद भी रिव्यू का इस्तेमाल किया और उसे बर्बाद कर दिया। एजाज पटेल की यह गेंद लेग स्टम्प पर गुड लेंथ थी। टप्पा पड़ने के बाद हल्का सा बाहर की ओर निकली। सिराज ने झुककर डिफेंड करने की कोशिश की, लेकिन गेंद बल्ले को बीट करते हुए पिछले पैड पर लगी।
1 रन चुराने की कोशिश में विराट कोहली ने गंवाया अपना विकेट
18.3 ओवर: रचिन रविंद्र 19वां ओवर लेकर आए। उनकी तीसरी गेंद पर विराट कोहली 4 के निजी स्कोर पर मैट हेनरी के सीधे थ्रो पर रन आउट हो गए। भारत का स्कोर 84/4 हो गया। पुणे टेस्ट मैच में भी विराट कोहली और ऋषभ पंत एक रन चुराना चाहते थे। तब ऋषभ पंत को पवेलियन (रन आउट) लौटना पड़ा था। शुक्रवार को उन्होंने अपने ‘पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार’ ली।
विराट कोहली ने रचिन रविंद्र की गेंद को मिड-ऑन की ओर खेला। वहां मैट हेनरी चौकन्ना थे। उन्होंने तेजी से गेंद को फील्ड किया और सीधा विकेट पर थ्रो कर दिया। गिल्लियां बिखर गईं। विराट कोहली डाइव लगाने के बाद भी क्रीज से बाहर थे। विराट कोहली जिस शॉट पर सिंगल लेना चाहते थे वह कहीं से भी नहीं था। किसी भी तरह से इस रनिंग कॉल को जस्टिफाई नहीं किया जा सकता।
भारतीय टीम के अब 4 विकेट पवेलियन में हैं। इस तरह तीसरे टेस्ट मैच में मात्र 10 मिनट में ही पूरा परिदृश्य बदल गया। भारत ड्राइविंग सीट खोने का खुद ही जिम्मेदार है।