IND vs ENG: भारत ने लॉर्ड्स में अपना 20वां टेस्ट मैच शुभमन गिल की कप्तानी में खेला और इसमें टीम इंडिया को हार मिली। इस मैदान पर भारत ने अब तक खेले 20 टेस्ट मैचों में से सिर्फ 3 मैचों में जीत दर्ज की है जबकि उसे 13 मैचों में हार मिली है और 4 मैच ड्रॉ रहे हैं।
भारत को लॉर्ड्स में टेस्ट में पहली जीत साल 1986 में कपिल देव की कप्तानी में 5 विकेट से मिली थी जबकि इस मैदान पर भारत ने दूसरा टेस्ट मैच एमएस धोनी की कप्तानी में 95 रन से जीता था तो वहीं साल 2021 में टीम इंडिया ने विराट कोहली को इस मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ 151 रन से जीत मिली थी।
कपिल और धोनी ने भारत को लॉर्ड्स में दिलाई थी जीत
भारत ने लॉर्ड्स में जो अपना पहला और दूसरा टेस्ट मैच जीता था उन दोनों मैचों के कुछ ऐसे आंकड़े हैं जो सच में कमाल के हैं और ऐसा तो कम ही देखने को मिलता है। भारत को इस मैदान पर जो दो पहली जीत जिनकी कप्तानी में मिली थी वे दोनों ही भारत को वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन (कपिल देव और एमएस धोनी) बनाने वाले कप्तान थे। कपिल देव ने भारत को 1983 में वर्ल्ड कप खिताब दिलाया था वहीं एमएस धोनी ने 2011 में भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था।
खास यह है कि भारत को लॉर्ड्स में पहली दो टेस्ट जीत वर्ल्ड चैंपियन बनने के 3 साल बाद मिलीं। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1986 (1983 में विश्व कप जीतने के 3 साल बाद) में लॉर्ड्स में टेस्ट मैच जीता था। इसके बाद एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने 2014 (2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बाद) में लॉर्ड्स टेस्ट में जीत हासिल की थी।
रोजर और स्टुअर्ट बिन्नी दोनों ने पहली पारी में खेली थी 9-9 रन की पारी
भारत के मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने 1986 में लॉर्ड्स में पहली पारी में 19 गेंद पर 9 रन बनाए थे। साल 2014 में उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी ने भी लॉर्ड्स में पहली पारी में 19 गेंद में 9 रन की पारी खेली थी।
साल 1986 में भारत की ओर से लॉर्ड्स में चेतन शर्मा ने 5 विकेट लिए थे, जबकि 2014 में इशांत शर्मा ने 5 विकेट झटके थे। दिलीप वेंगसरकर ने 1986 में पहली पारी में 16 चौकों के साथ शतक लगाया था, जबकि 2014 में अजिंक्य रहाणे ने भी 16 चौकों के साथ शतक लगाया था। खास यह है कि ये दोनों ही दिग्गज बल्लेबाज ‘मायानगरी’ मुंबई से ताल्लुक रखते हैं।
तमिलनाडु के बल्लेबाजों ने की थी पारी की शुरुआत
1986 में तमिलनाडु के बल्लेबाज श्रीकांत ने पारी की शुरुआत की थी, जबकि 2014 में तमिलनाडु के ही बल्लेबाज मुरली विजय ने भारत के लिए पारी की शुरुआत की थी।
भारत ने 1986 और 2014 में जब लॉर्ड्स में टेस्ट मैच जीते तो उसी साल फीफा वर्ल्ड कप के भी आयोजन हुए थे। साल 1986 में फीफा वर्ल्ड कप फाइनल अर्जेंटीना और पश्चिम जर्मनी के बीच खेला गया। साल 2014 में भी फीफा वर्ल्ड कप फाइनल अर्जेंटीना और जर्मनी (1990 में पश्चिम और पूर्वी जर्मनी का विलय हो चुका था) के बीच ही खेला गया था
1986 और 2014 में लॉर्ड्स में भारत की पहली दो टेस्ट जीत के बीच की समानताएं
- कपिल देव और एमएस धोनी ने लॉर्ड्स टेस्ट मैच जीता और दोनों ही वर्ल्ड कप विजेता कप्तान थे। भारत को ये जीत वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीतने के 3 साल बाद मिली थी।
- लॉर्ड्स में 1986 में चेतन शर्मा और फिर 2014 में इशांत शर्मा ने 5 विकेट लिए थे।
- रोजर बिन्नी ने 1986 में 9 रन (19 गेंद) और उनके बेटे स्टुअर्ट ने 2014 में 9 रन (19गेंद ) पहली पारी में बनाए।
- मुंबई के बल्लेबाजों ने ही शतक लगाए: दिलीप वेंगसरकर (1986) और अजिंक्य रहाणे (2014): दोनों ने अपनी-अपनी पारियों में 16 चौके लगाए।
- तमिलनाडु के ही बल्लेबाजों ने की पारी की शुरुआत: साल 1986 में के. श्रीकांत और 2014 में मुरली विजय ने भारतीय पारी की शुरुआत की थी।
- 1986 फीफा विश्व कप फाइनल: अर्जेंटीना बनाम पश्चिम जर्मनी।
- 2014 फीफा विश्व कप फाइनल: अर्जेंटीना बनाम जर्मनी।