रविंद्र जडेजा ने जेम्स एंडरसन पर पलटवार किया है। उन्होंने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज को लॉर्ड्स 2014 की याद दिलाई है। जेम्स एंडरसन और रविंद्र जडेजा का ऑन-फील्ड विवाद का इतिहास रहा है। 2014 में ट्रेंट ब्रिज में पहले टेस्ट के दूसरे दिन, जब खिलाड़ी लंच के लिए लौट रहे थे, तब एंडरसन ने कथित तौर पर जडेजा को उनके दांत तोड़ने की धमकी दी। यह सीरीज का टॉकिंग पॉइंट बन गया था। जडेजा ने एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद ऋषभ पंत के बारे में भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि वह किसी भी गेंदबाज पर दया नहीं करता।
मौजूदा एजबेस्टन टेस्ट में रविंद्र जडेजा ने शानदार शतक लगाया। उन्होंने जिस परिस्थिति में शतक लगाया, उसने भारत ही नहीं ऑस्ट्रेलियाई खेमे को भी प्रभावित किया। रविंद्र जडेजा ने 13 चौके लगाए और 194 गेंदों का सामना किया। उन्होंने जरूरत पड़ने पर डटकर बचाव भी किया। दिन का खेल समाप्त होने के बाद, जडेजा ने जेम्स एंडरसन की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ने कहा था कि भारतीय ऑलराउंडर अब असली बल्लेबाज की तरह सोचते हैं।
जडेजा ने कहा, ‘मैं हमेशा खुद को समय देने और साझेदारी बनाने की कोशिश करता हूं। जो भी दूसरे छोर पर सेट बल्लेबाज होता है, मैं उसका साथ देने की कोशिश करता हूं। अच्छा है कि जिमी एंडरसन ने 2014 के बाद मेरी क्षमता का अहसास किया है। मैं खुश हूं।’
2014 में जडेजा बनाम एंडरसन विवाद
जेम्स एंडरसन ने 2014 में भारतीय ड्रेसिंग रूम में घुसने और ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा को उनके दांत तोड़ने की धमकी दी थी। यह घटना ट्रेंट ब्रिज के ड्रेसिंग रूम की ओर जाने वाले गलियारे में हुई थी। हालांकि, बाद में न्यायिक आयुक्त गॉर्डन लुईस ने एंडरसन और जडेजा को आईसीसी की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया था। सुनवाई के दौरान एंडरसन ने जडेजा को धक्का देने और गाली देने की बात कबूल की थी, लेकिन जोर देकर कहा था कि शारीरिक संपर्क आत्मरक्षा में एक कदम के रूप में उठाया गया एक सहज प्रतिक्रिया थी, क्योंकि भारतीय ऑलराउंडर गुस्से में उनकी ओर आए थे।
रविंद्र जडेजा बोले- ऋषभ पंत के कारण मुझ पर नहीं था इंग्लैंड का ध्यान
रविंद्र जडेजा ने कहा, ‘ऋषभ के साथ बल्लेबाजी करते समय कुछ हद तक कम दबाव होता है, क्योंकि वह किसी गेंदबाज पर दया नहीं करता है। नॉन-स्ट्राइकर छोर पर खड़े होकर मैं खुश महसूस कर रहा था, क्योंकि इंग्लैंड के गेंदबाज मुझ पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे थे।’
प्रतिष्ठा के साथ-साथ आत्मविश्वास बढ़ाएगा यह टेस्ट शतक: रविंद्र जडेजा
रविंद्र जडेजा को लगता है कि इंग्लैंड के मुश्किल भरे हालात में शतक जड़ने से बल्लेबाज के तौर पर उनकी प्रतिष्ठा में ही इजाफा नहीं होगा, बल्कि यह उनके करियर में आत्मविश्वास बढ़ाने का काम भी करेगा। जडेजा का यह विदेश में पहला शतक था।
जडेजा ने 194 गेंद में 104 रन की पारी खेलकर ऋषभ पंत (111 गेंद में 146 रन) के साथ छठे विकेट के लिए 222 रन की भागीदारी निभाई। उन्होंने भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट में पहली पारी में पांच विकेट पर 98 रन से वापसी कराई।
जडेजा ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मैंने भारत के बाहर एक शतक जड़ा और वह भी इंग्लैंड में। एक खिलाड़ी के लिए यह बड़ी चीज है। मैं इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में बनाये गये इस शतक को आत्मविश्वास बढ़ाने के तौर पर लूंगा।’
पिछले कुछ वर्षों में जडेजा की बल्लेबाजी में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में बल्लेबाज को सफलता हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है, गेंद का अंदाजा लगाने की काबिलियत। उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड में आपको अपने शरीर के करीब से खेलना होता है, क्योंकि अगर आप कवर ड्राइव और स्क्वेयर ड्राइवर खेलने की कोशिश करेंगे तो पीछे और स्लिप में कैच हो सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मेरा ध्यान ऑफ-स्टंप से बाहर जा रही गेंदों को छोड़ने का था। मैंने सोचा कि उन्हीं गेंद को हिट करूंगा जो मेरे करीब होंगी। और भाग्यशाली रहा कि जो भी गेंद खेली, वो मेरे करीब थीं। आपको अपना ऑफ-स्ंटप जानना होता है और ऑफ स्टंप के बाहर जा रही गेंदों को छोड़ना होता है।’
अपने करियर का तीसरा टेस्ट शतक जड़ने वाले जडेजा ने कहा, ‘‘इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंद स्विंग करती है इसलिये आपको अपनी बल्लेबाजी में अनुशासन लाना होता है। आपको चौथे और पांचवें स्टंप की ओर जा रही गेंदों को खेलने के लिये चुनना होता है। 40, 50 और 70 रन के स्कोर पर आप अच्छी गेंद पर आउट हो सकते हो।’