रविंद्र जडेजा इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में पहली पारी में 104 रन बनाकर आउट हुए। वह एजबेस्टन में टेस्ट शतक लगाने वाले चौथे भारतीय बने। जेम्स एंडरसन ने 104 रन के निजी स्कोर पर उन्हें बोल्ड किया। रविंद्र जडेजा ने अपनी 194 गेंद की पारी के दौरान 13 चौके लगाए। रविंद्र जडेजा का यह शतक ऐसे समय आया है, जब टीम इंडिया को इसकी बहुत जरूरत थी। इसके साथ ही रविंद्र जडेजा ने कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए।
रविंद्र जडेजा ने महेंद्र सिंह धोनी, कपिल देव के साथ हरभजन सिंह की भी बराबरी की। जडेजा और ऋषभ पंत ने सौरव गांगुली और युवराज सिंह की 2007 की पारी की याद भी दिलाई। रविंद्र जडेजा और ऋषभ पंत के शतकों की दम पर भारतीय टीम पहली पारी में 84.5 ओवर में 416 रन बनाने में सफल रही।
टेस्ट क्रिकेट में यह तीसरी बार है, जब भारतीय टीम ने 100 रन के भीतर 5 विकेट गंवा दिए, इसके बावजूद वह 400 से ज्यादा रन का स्कोर खड़ा करने में सफल रही। हालांकि, टीम इंडिया ने विदेश में ऐसा कारनामा पहली बार किया है।
इससे पहले 2013 में कोलकाता में भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 83 रन पर 5 विकेट खो दिए थे। इसके बावजूद टीम इंडिया 453 रन बनाने में सफल रही थी। साल 1983 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के 92 रन पर 5 विकेट गिर गए थे। उसने तब 451 रन का स्कोर खड़ा किया था।
रविंद्र जडेजा का टेस्ट क्रिकेट में यह तीसरा शतक है। उन्होंने 2 शतक इसी साल (2022 में) लगाए हैं। वह 7वें या उससे बाद के नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए एक कैलेंडर ईयर में दो टेस्ट शतक लगाने वाले चौथे भारतीय हैं।
उनसे पहले यह कपिल देव (1986), महेंद्र सिंह धोनी (2009), हरभजन सिंह (2010) में यह उपलब्धियां अपने नाम कर चुके हैं। रविंद्र जडेजा ने मार्च 2022 में मोहाली में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच में नाबाद 175 रन की पारी खेली थी।
टेस्ट क्रिकेट में एक ही पारी में भारत के लिए बाएं हाथ के दो बल्लेबाजों ने तीसरी बार शतक जड़े। इससे पहले सदागोपन रमेश और सौरव गांगुली ने 1999 में अहमदाबाद के न्यूजीलैंड के खिलाफ एक पारी में क्रमशः 110 और 125 रन बनाए थे।
सौरव गांगुली ने युवराज सिंह के साथ 2007 में यह उपलब्धि एक बार और अपने नाम की थी। सौरव गांगुली और युवराज सिंह ने तब बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में एक पारी में क्रमशः 239 और 169 रन ठोके थे।