भारत ने सोमवार, 26 फरवरी को रांची टेस्ट में इंग्लैंड को हराकर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-1 से अजेय बढ़त बना ली। बैजबॉल युग यानी बेन स्टोक्स के कप्तान और ब्रेंडन मैकुलम के कोच बनने के बाद इंग्लैंड की टीम पहली बार टेस्ट सीरीज हारी है। पिछले 2 साल से इंग्लैंड की टीम कोई टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। टीम 6 में से 4 सीरीज वह जीती थी। 7वीं सीरीज में उसे हार का सामना करना पड़ा।
मार्च 2022 में वेस्टइंडीज दौरे पर इंग्लैंड की टीम 3 मैचों की सीरीज 1-0 से हारी थी। इसके बाद जो रूट कप्तानी से हटे थे। बेन स्टोक्स को कप्तान बनाया गया था। ब्रेंडन मैकुलम कोच बने थे। इसके बाद बैजबॉल युग की शुरुआत हुई। इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान और आयरलैंड को सीरीज में हराया। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज ड्रॉ कराया, लेकिन भारत से पार नहीं पा सका।
भारत के लिए आसान नहीं थी चुनौती
रांची टेस्ट से पहले भारतीय टीम सीरीज में 2-1 से आगे थी। हैदराबाद में पहला टेस्ट हारने के बाद उसने शानदार वापसी की। विशाखापत्तनम और राजकोट टेस्ट में जीत हासिल की। इसके बाद रांची टेस्ट के साथ-साथ सीरीज अपने नाम किया। भारत टीम भले ही घरेलू सरजमीं पर यह टेस्ट सीरीज खेल रही थी, लेकिन उसके लिए चुनौती आसान नहीं थी।
यशस्वी, सरफराज और जुरेल जैसे युवाओं का उदय
विराट कोहली जैसा दिग्गज खिलाड़ी सीरीज में नहीं खेला। केएल राहुल पहले टेस्ट के बाद चोट के कारण नहीं खेले। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ी पहले ही बाहर हैं। इसके बाद भी भारतीय टीम ने घुटने नहीं टेके। इस सीरीज को यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान और ध्रुव जुरेल जैसे युवा खिलाड़ियों की वजह से याद किया जाएगा। तीनों खिलाड़ियों ने छाप छोड़ी है।
रांची टेस्ट के तीसरे दिन मोमेंटम हुआ शिफ्ट
रांची टेस्ट में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। इंग्लैंड ने जो रूट के शतक की मदद से 353 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम ने 307 रन बनाए। इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर 46 रन की बढ़त मिली थी। इंग्लैंड की टीम के पास पहले 2 दिन बढ़त थी। तीसरे दिन भारत ने पकड़ बनाई और कुछ ही समय में मैच उसकी ओर खिसक गया। इंग्लैंड की टीम दूसरी पारी में 145 रन पर सिमट गई। इसके बाद वापसी नहीं कर पाई। सीरीज का 5वां टेस्ट मैच धर्मशाला में 7 मार्च से खेला जाएगा।
