India vs Australia: दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भारत क्रिकेट टीम को बुधवार 22 मार्च 2023 की रात चेन्नई में तीसरे और अंतिम वनडे में ऑस्ट्रेलियाई टीम के हाथों मिली हार को नहीं भूलने की चेतावनी दी है। मुश्किल पिच पर 270 के कड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम 49.1 ओवर में 248 रन पर ऑल आउट हो गई। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से सीरीज अपने नाम की। ऑस्ट्रेलिया ने पहला वनडे पांच विकेट से गंवाया था, लेकिन दूसरा वनडे 10 विकेट से जीतकर सीरीज में वापसी की थी।

सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स पर मैच के बाद के विश्लेषण के दौरान कहा, ‘यह बनाया गया दबाव था। उन्हें सिंगल नहीं मिल रहे थे। बाउंड्री आ नहीं रही थीं और उन्हें सिंगल भी नहीं मिल रहे थे। जब ऐसा होता है तो आप कुछ ऐसा खेलने की कोशिश करते हैं, जिसके आप अभ्यस्त नहीं हैं।’

सुनील गावस्कर ने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जिस पर उन्हें (भारतीय क्रिकेट टीम को) गौर करना होगा। अब आईपीएल शुरू होने वाला है, तो ऐसे में हमें यह हार भूलनी नहीं चाहिए। भारत कभी-कभी इस तरह की हार को भूलने की गलती करता है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि विश्व कप में हम फिर से ऑस्ट्रेलिया का सामना कर सकते हैं।’

लगातार तीन एकदिवसीय मुकाबलों में भारतीय शीर्ष क्रम ने धोखा दिया

संयोग से, ऑस्ट्रेलिया 2019 में द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला में भारत को हराने वाली आखिरी अंतरराष्ट्रीय टीम थी। तब स्कोर-लाइन 3-2 थी। उस श्रृंखला हार के बाद पिछले 4 साल में भारत ने घर में लगातार सात द्विपक्षीय एकदिवसीय सीरीज जीती थीं। साल 2023 की एकदिवसीय सीरीज में लगातार तीन मैचों में भारतीय शीर्ष क्रम ने धोखा दिया और वह भी घरेलू परिस्थितियों में।

90 या 100 रन की ओपनिंग साझेदारी के बिना हासिल नहीं कर सकते 300 रन का लक्ष्य: सुनील गावस्कर

सुनील गावस्कर का मानना है कि अगर ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती वनडे में यदि 235 रन बना लिए होते तो उन्हें श्रृंखला में 3-0 से हराया जा सकता था। सुनील गावस्कर ने साझेदारी बनाने के इरादे की कमी पर प्रकाश डालते हुए यह भी कहा, ‘जब आप 270 या लगभग 300 के स्कोर का पीछा कर रहे होते हैं, तो आपको लगभग 90 या 100 की साझेदारी की आवश्यकता होती है। यही बात आपको जीत के करीब ले जाती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’

सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया की फील्डिंग को लाजवाब करार दिया। सुनील गावस्कर ने कहा, ‘उनकी गेंदबाजी बहुत अच्छी थी। कसी हुई थी, स्टंप टू स्टंप, लेकिन उनकी फील्डिंग बहुत अच्छी थी। यही अंतर था।’