श्रेयस अय्यर को एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं दी गई, लेकिन वो ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दो अनाधिकारिक टेस्ट मैच के लिए इंडिया ए टीम के कप्तान बनाए गए हैं जिससे उनकी टेस्ट टीम में वापसी का रास्ता साफ हो सकता है। श्रेयस ने पिछले कुछ समय में अपने खेल में जबरदस्त सुधार किए हैं और वो भारतीय क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ियों में से एक रहे हैं।
श्रेयस अय्यर ने अपने करियर में तब मुश्किल दौर से गुजरे थे जब उन्हें 2024-25 सीजन के लिए बीसीसीआई ने सेंट्रल कान्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया था क्योंकि उन्होंने मुंबई के लिए खेलकर अपनी फिटनेस साबित नहीं की थी जबकि बोर्ड ने सभी क्रिकेटरों को घरेलू क्रिकेट में खेलने का आदेश दिया था। ये वो वक्त था जब श्रेयस अय्यर 2023 वनडे वर्ल्ड कप के बाद पीठ में लगी चोट से उबर रहे थे। ये ऐसी चोट थी जिससे लग रहा था कि श्रेयस का करियर कहीं खत्म ना हो जाए।
मेरे एक पैर में लकवा मार गया था
श्रेयस अय्यर ने उस भयावह दौर को याद करते हुए बताया कि उनके एक पैर में लकवा मार गया था, एक नस टूट गई थी और वे असहनीय दर्द से जूझ रहे थे। श्रेयस ने जेक्यू इंडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोई मेरे उस दर्द को नहीं समझ सकता जिससे में गुजरा था। मेरा एक पैर पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया था। रीढ़ की सर्जरी से आप पीठ में एक रॉड डालकर भी काम चला सकते हैं, लेकिन मेरी नस का टूटना वाकई बहुत खतरनाक था। दर्द बहुत भयानक था जो मेरे पैर के अंगूठे तक पहुंच गया था और यह बहुत डरावना था।
श्रेयस अय्यर ने आगे बताया कि चोट से उबरने के बाद वो बीसीसीआई की योजनाओं में वापस आ गए थे। सेलेक्टर्स ने उन्हें वनडे टीम में चुनने में जरा भी देर नहीं लगाई, लेकिन अन्य प्रारूपों से उन्हें दूर रखा या। एशिया कप के लिए टीम में जगह नहीं मिलने से श्रेयस को दुख जरूर हुआ, लेकिन वो सिर्फ वही कर सकते थे जो उनसे हाथ में था। उन्होंने कहा कि वो कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे और जो मौका मिलेगा उसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।