चंडीगढ़ पुलिस ने कहा है कि एक जूनियर कोच के यौन उत्पीड़न मामले में फंसे हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह जांच के दौरान ईमानदार नहीं थे। अपनी 700 पन्नी की चार्जशीट में पुलिस ने यह भी कहा है कि संदीप सिंह और पीड़िता एक-दूसरे के नियमित संपर्क में थे। चार्जशीट की एक प्रति मंगलवार 5 सितंबर 2023 को पीड़िता के वकील को सौंपी गई। इंडियन एक्सप्रेस ने चार्जशीट देखी है।

चंडीगढ़ पुलिस ने जूनियर महिला टीम की एक कोच की शिकायत के बाद भाजपा नेता पर पीछा करने, अवैध रूप से बंधक बनाने, यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया था। इसके करीब 8 महीने बाद चंडीगढ़ पुलिस ने पिछले महीने यानी 26 अगस्त 2023 को संदीप सिंह के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया था। चार्जशीट दायर होने के बाद संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।

पुलिस ने अपनी जांच के दौरान पूर्व खेल निदेशक पंकज नैन समेत 49 गवाहों से पूछताछ की। संदीप सिंह और पीड़िता दोनों के फोन की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) में फोरेंसिक जांच की। उन्होंने दावा किया है कि संदीप सिंह ने अपने फोन से पीड़िता के फोन पर की गई कुछ कॉल्स को डिलीट कर दिया था।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अमन इंदर सिंह संधू की अदालत में दायर चार्जशीट में संदीप सिंह पर धारा 342 (गलत कारावास), 354 (महिला पर हमला) 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 बी ( निर्वस्त्र करने के इरादे से महिला पर हमला), आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य) के आरोप लगाए हैं।

आरोप पत्र में हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी नैन का भी जिक्र है। नैन ने उन्हें बताया कि आरोपी (संदीप सिंह) पीड़िता में जरुरत से ज्यादा रुचि ले रहा था। पुलिस ने यह भी कहा कि पीड़िता संदीप सिंह के आधिकारिक आवास में बेडरूम, साइड रूम, बाथरूम और सभी संपर्क मार्गों की पहचान करने में सक्षम थी। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पीड़िता उक्त कमरों में गई थी। हालांकि, संदीप सिंह ने दावा किया था कि वह केवल उनके घर में मुख्य कार्यालय स्थित केबिन में आई थी।

26 अगस्त को अदालत में दायर की गई चार्जशीट में कहा गया है, “पीड़ित के मोबाइल फोन के संबंध में सीएफएसएल रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि आरोपी और पीड़िता एक-दूसरे के नियमित संपर्क में थे और उनका रिश्ता पेशेवर बातचीत से परे था। हालांकि, एकत्र किए गए सबूतों के विपरीत, आरोपी ने पूछताछ के दौरान पीड़िता के साथ किसी भी तरह के व्यक्तिगत संबंध होने से पूरी तरह इंकार किया।

मंत्री और पीड़िता के बीच घनिष्ठ संबंध थे: गवाह

कुछ गवाहों ने यह भी उल्लेख किया है कि मंत्री और पीड़िता के बीच घनिष्ठ संबंध थे। आरोप पत्र के अनुसार, खिलाड़ी और संदीप सिंह के करीबी दोस्त गुरजिंदर और पीड़िता के बीच इंस्टाग्राम चैट से पता चलता है कि उसने मंत्री को गुरजिंदर के साथ अपनी चैट के बारे में बताया था।

गुरजिंदर से पूछताछ में सामने आया कि इस बारे में पता चलने के बाद आरोपी ने उसे पीड़िता के साथ बातचीत बंद करने के लिए कहा था। यह बात आरोपी और पीड़िता के बीच दोस्ती से परे एक रिश्ते या भावना की ओर इशारा करती है। आरोपी ने इसे अस्वीकार कर दिया था। आरोपी ने यह जानते हुए भी झूठ बोला कि उसकी चैट के स्क्रीनशॉट पीड़िता ने भेजे थे। इससे पता चलता है कि वह जांच के दौरान ईमानदार नहीं थे।

चार्जशीट के मुताबिक, संदीप सिंह ने पुलिस को बताया कि पीड़िता ने उनसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लिया था। हालांकि, जांच में कबूला कि पीड़िता ने सोशल मीडिया के जरिए अपॉइंटमेंट लिया था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि संदीप सिंह की पीड़िता के प्रति नियत साफ नहीं थी।