दिल्ली पुलिस ने एक पूर्व क्रिकेटर को 25 दिसंबर को ताज पैलेस समेत कई लक्जरी होटलों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपी की पहचान 25 साल के मृणांक सिंह के रूप में हुई है। मृणांक सिंह ने कथित रूप से जुलाई 2022 में दिल्ली के ताज पैलेस में 5.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी।
यही नहीं, मृणांक सिंह ने 2020 और 2021 के बीच क्रिकेटर ऋषभ पंत को कथित रूप से 1.63 करोड़ रुपये का चूना लगाया। मृणांक सिंह ने ऋषभ पंत को सस्ती दर पर महंगी घड़ियां और मोबाइल फोन दिलाने की पेशकश की थी। हालांकि, चेक बाउंस होने के कारण ऋषभ पंत को 1.63 करोड़ रुपये का चूना लग गया।
मृणांक सिंह का लक्जरी होटलों को ठगने का इतिहास
इंडियाटुडे की खबर के मुताबिक, पुलिस ने बताया है कि मृणांक सिंह खुद को कर्नाटक का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार बताकर लग्जरी होटलों में ठगी करता था। जुलाई 2022 में ताज पैलेस की ओर से दिल्ली के चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दी गई थी।
होटल ताज पैलेस को लगाया साढ़े पांच लाख का चूना
उसमें कहा गया था, मृणांक सिंह पिछले साल जुलाई में एक सप्ताह के लिए होटल में रुके और 5,53,362 रुपये का अपना बिल चुकाए बिना चले गए। जब बिल का भुगतान करने के लिए कहा गया तो मृणांक ने कहा कि एडिडास भुगतान करेगा। उसने दावा किया कि एडिडास उसे स्पॉन्सर कर रहा है।
इसके बाद कर्मचारियों ने होटल के बैंक विवरण मृणांक सिंह के साथ शेयर किए। मुणांक ने उन्हें एक लेनदेन आईडी दी जिसमें कहा गया कि 2 लाख रुपये का भुगतान पूरा हो चुका है। हालांकि, होटल को अपने सिस्टम पर लेनदेन नहीं मिला।
मृणांक और उनके मैनेजर गगन सिंह से फोन पर संपर्क किया गया और तो बताया गया कि बकाया राशि के भुगतान के लिए अपने ड्राइवर को नकदी के साथ भेजेंगे। हालांकि, मृणांक का वादा झूठा निकला। उसने भुगतान नहीं किया। इसके बाद शिकायत दर्ज की गई।
जांच के दौरान पुलिस ने मृणांक के पते पर नोटिस भेजा, लेकिन वहां भी उससे संपर्क नहीं हो पाया। मृणांक के पिता ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मृणांक सिंह को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है, क्योंकि उनका उस पर कोई नियंत्रण नहीं था। मृणांक की लोकेशन बार-बार बदलने के कारण पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई और उसका फोन भी स्विच ऑफ हो गया।
मृणांक को दबोचने के लिए जारी किया गया था लुकआउट सर्कुलर नोटिस
इसके बाद पुलिस ने मृणांक सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया और देश से भागने की कोशिश करने की स्थिति में उसे गिरफ्तार करने के लिए लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया। 25 दिसंबर को मृणांक सिंह को दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में लिया गया। मृणांक सिंह हॉन्गकॉन्ग के लिए उड़ान भरने की कोशिश कर रहा था।
खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर लोगों को ठगता
आईजीआई एयरपोर्ट पर हिरासत के दौरान मृणांक सिंह ने आव्रजन अधिकारियों को धोखा देने की फिर कोशिश की। मृणांक ने खुद को एडीजीपी कर्नाटक आलोक कुमार बताकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फोन किया और आईजीआई हवाई अड्डे पर ‘अवैध रूप से हिरासत में लिए गए’ अपने बेटे मृणांक सिंह की मदद करने में उनकी सहायता मांगी।
पिता को भी बताया था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर
हालांकि, आव्रजन अधिकारियों ने उसे दिल्ली पुलिस को सौंप दिया। पूछताछ के दौरान मृणांक सिंह ने बार-बार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। मृणांक सिंह ने दावा किया कि उसके ‘पिता’ अशोक कुमार सिंह भी एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी थे और 1980 से 90 के दशक के अंत तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेले थे।
मृणांक ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके ‘पिता’ वर्तमान में एयर इंडिया में मैनेजर के रूप में कार्यरत थे और आईजीआई हवाई अड्डे पर तैनात थे। मृणांक ने बादा खुलासा किया कि उसने खुद को कर्नाटक का एडीजीपी बताकर कई लक्जरी रिसॉर्ट और होटलों से लाखों रुपये की ठगी की। वह खुद को मुंबई इंडियंस (2014 से 2018) का हिस्सा बताता था और इसका इस्तेमाल होटल के बिलों का भुगतान करने के लिए करता था।
IPL खिलाड़ी बनकर भी लोगों को ठगा
पुलिस के अनुसार, मृणांक सिंह के निशाने पर होटल, बार, रेस्तरां, युवा लड़कियां, कैब ड्राइवर, छोटे खाने के आउटलेट समेत अन्य शामिल थे। न्यूजनेक्सट की रिपोर्ट के मुताबिक, मैदान में सफलता नहीं मिलने के बाद मृणांक सिंह ने आईपीएल खिलाड़ी होने के बहाने लोगों को ठगने का षड्यंत्र रचा। एक बार उसने खुद को इंडिया क्रिकेटर भी बताया।
मृणांक और ऋषभ दोस्त नहीं: पंत के वकील
रिपोर्ट में एडवोकेट और पूर्व क्रिकेटर एकलव्य द्विवेदी के हवाले से लिखा गया, ऋषभ पंत और मृणांक सिंह किसी तरह से करीबी नहीं हैं, लेकिन दोनों एक-दूसरे को काफी समय से जानते हैं। उनकी मुलाकात 2013-14 के आसपास एक घरेलू शिविर में हुई थी। आरोपी जूनियर स्तर या कुछ अन्य लेवल पर क्रिकेट खेलता था। वह अक्सर उस पहचान का इस्तेमाल लोगों को धोखा देने और उन्हें चूना लगाने के लिए करता था।
ऋषभ पंत के वकील एकलव्य द्विवेदी ने बताया, लंबे अंतराल के बाद 2020 या 2021 में मृणांक सिंह ने ऋषभ पंत से संपर्क किया। मृणांक सिंह ने ऋषभ पंत से कहा कि उन्होंने लक्जरी वस्तुओं में एक नया व्यवसाय शुरू किया है। वह इसे बहुत सस्ती कीमत पर खरीद सकते हैं। वह ऋषभ के स्वामित्व वाले किसी भी विलासिता के सामान को भी बेच सकता है। क्रिकेटर होने के नाते ऋषभ पंत ने मृणांक पर भरोसा किया।
एक महीने पहले तक मृणक सिंह के नाम की कोई चर्चा नहीं थी, और इस तथ्य के बावजूद कि पूर्व क्रिकेटर एक अन्य धोखाधड़ी के मामले में मुंबई की जेल में बंद था, इस असफल क्रिकेटर के बारे में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। तब तक नहीं जब तक भारतीय अंतरराष्ट्रीय और दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत के मृणांक के शिकारों में से एक होने की खबर नहीं आई।
ऋषभ ने ऑर्डर दिया और अपने बैंक खाते से कुछ धनराशि भेज दी। उन्होंने मृणांक को कुछ वस्तुएं बेचने के लिए भी दीं, लेकिन आरोपी ने उन्हें कोई भी सामान नहीं दिया। ऋषभ और उनके मैनेजर दोनों मृणांक को कॉल और मैसेज करते रहे। वे दोनों यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते रहे कि डिलीवरी हो जाए, लेकिन मृणांक बहाना बनाता रहा। उसने कोई सामान नहीं दिया। इसके बाद उनके बीच मौखिक समझौता हुआ, जिसके तहत मृणांक सिंह ने ऋषभ पंत को 1.63 करोड़ रुपये का चेक दिया, लेकिन वह बाउंस हो गया। बैंक में लगभग 1.3 करोड़ रुपये ही थे।