COVID-19: कोरोनावायरस के कारण दुनिया भर में खेल प्रतियोगिताएं नहीं हो रही हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के 10 दिन बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को कोविड-19 संबंधी जांचों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमेरिका में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 3,00,000 हो गई है और देश में 8,100 से ज्यादा लोग इस संक्रमण के कारण जान गंवा चुके हैं। भारत में इसके संक्रमित मरीजों की संख्या 4 हजार के पार पहुंच चुकी है।
यही वजह है कि दुनिया के ज्यादातर देश लॉकडाउन हैं। सभी महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिताएं या तो रद्द कर दी गईं हैं या फिर उन्हें टाल दिया गया है। इस कारण फुटबॉल मैच भी नहीं हो रहे हैं। इस कारण यूरोप के कई क्लबों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में युवेंटस के स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो समेत कई फुटबॉलरों ने अपनी सैलरी का कुल 100 मिलियन यूरो (करीब 753 करोड़ रुपए) लेने से मना कर दिया है।
हालांकि, इस बीच, इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) के खिलाड़ियों के ऐलान ने सभी को चौंका दिया है। ईपीएल के खिलाड़ियों ने क्लबों के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें कोरोनावायरस महामारी के दौरान उनकी सैलरी में से 30% की कटौती की बात कही गई थी। खिलाड़ियों के इस ऐलान के बाद लोग उनकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं।
हालांकि, फुटबॉलर्स एसोसिशन का दावा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते उन्हें 20 करोड़ पाउंड (करीब 1860 करोड़ रुपए) सरकार को टैक्स के रूप में चुकाने पड़ेंगे। यह हमारे एनएचएस (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा) और सरकार द्वारा अन्य वित्त पोषित सेवाओं के लिए हानिकारक होगा।
बता दें कि ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने क्लब में शामिल खिलाड़ियों की सैलरी में कटौती करने को कहा था। खेल मंत्री निगेल हडलस्टोन ने भी प्रीमियर लीग को यह सुनिश्चित करना याद दिलाया था कि उन्हें ‘राष्ट्रीय प्रयास में मदद करनी चाहिए।’
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