भारतीय टीम 2021 में श्रीलंका के दौरे पर गई थी तो सीनियर खिलाड़ी इंग्लैंड में थे, ऐसे में शिखर धवन को कप्तान बनाया गया था। बाएं हाथ का ओपनर अब टीम का हिस्सा नहीं है। धवन को कप्तान बनाने का उदाहरण देते हुए भारत के पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने चयनकर्ताओं पर निशाना साधा है। कर्नल के नाम से प्रसिद्ध दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि चयनकर्ताओं को क्रिकेट की समझ नहीं है। उनके पास विजन भी नहीं है। वे खिलाड़ियों को ग्रूम नहीं कर पाए।
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में वेंगसरकर ने कहा, ” दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि पिछले छह-सात वर्षों में मैंने जिन चयनकर्ताओं को देखा है, उनके पास न तो विजन है, न ही खेल के बारे में गहरी जानकारी है और न ही क्रिकेट की समझ है। उन्होंने शिखर धवन को भारत का कप्तान बनाया (जब इंग्लैंड दौरे के कारण मुख्य खिलाड़ी अनुपलब्ध थे); यहीं पर आप भविष्य कप्तान को तैयार कर सकते थे।”
मीडिया राइट्स से करोड़ों रुपये कमाना ही एकमात्र उपलब्धि नहीं
टीम इंडिया के पूर्व मुख्य चयनकर्ता ने आगे कहा, “आपने किसी को तैयार नहीं किया है। आप दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की बात करते हैं, बेंच स्ट्रेंथ कहां है? सिर्फ आईपीएल होना, मीडिया राइट्स से करोड़ों रुपये कमाना ही एकमात्र उपलब्धि नहीं होनी चाहिए।” कर्नल ने कहा कि डब्ल्यूटीसी फाइनल 2023 में भारत की हार निराशाजनक था और उन्हें हार के दर्द को भूलने में काफी समय लगेगा। भारत की हार के कई कारण रहे।
डब्ल्यूटीसी जीतने की प्रतिभा
वेंगसरकर ने कहा कि यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह सिर्फ एक मैच था। भारत अभी भी एक बहुत अच्छी टीम है और वे अगले कुछ वर्षों में वापसी की उम्मीद कर रहे होंगे। उनके पास डब्ल्यूटीसी जीतने की प्रतिभा है, लेकिन अगर उन्हें अपना लक्ष्य हासिल करना है तो उन्हें अपनी गलतियों से सीखना होगा और अपनी तैयारी में सुधार करना होगा।