कोरोनावायरस के कारण कई खेल टूर्नामेंट को रोक दिया गया है। ऐसे में खिलाड़ी सोशल मीडिया के जरिए फैंस से जुड़ रहे हैं। पिछले एक साल में टीम इंडिया में कई तेज गेंदबाज आए हैं। उनमें से दीपक चाहर ने टीम में अपनी जगह पक्की की है। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ पिछले साल के अंत में हैट्रिक भी ली थी। दीपक को दोनों तरफ स्विंग कराने के लिए जाना जाता है। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी चेन्नई सुपरकिंग्स में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। दीपक ने राहुल चाहर और अपने पिता लोकेंदर सिंह चाहर के साथ एक वेबसाइट को इंटरव्यू दिया।
दीपक की स्विंग नेचुरल है या मेहनत से आई है इस सवाल पर उनके पिता ने कहा, ‘‘जब इसके क्रिकेट शुरू किया था तो दो क्रिकेटर को आदर्श बनाया था। पहले दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन और दूसरे वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल। स्टेन की आउट स्विंग बहुत अच्छी होती है। उनकी स्पीड 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की थी। मार्शल की गेंद दोनों तरफ स्विंग होती थी, उनकी भी स्पीड 140 से ज्यादा थी। हमारा दो लक्ष्य था- 140 किलोमीटर प्रतिघंटे से ज्यादा की स्पीड और स्विंग।’
चाहर ने कहा, ‘‘लोग कहते हैं कि मेरा स्विंग नेचुरल है, लेकिन मेरा मानना है कि कुछ भी नेचुरल नहीं होता है। मैंने जो प्रैक्टिस की है सबसे ज्यादा वो स्विंग की थी। स्कूल से आने के बाद 500 गेंदें पापा के हाथ में फेंकता था। 250 आउटस्विंग और 250 इनस्विंग। मेरे रिस्ट पॉजिशन इसलिए अच्छी है कि मैंने बचपन में उस पर बहुत काम किया, इससे यह मेरा नेचुरल बन गया।’’ राहुल चाहर के बारे में दीपक ने कहा, ‘‘ये तेज फेंकता है, तो नेचुरल नहीं है। इसे बोला गया था कि तेज फेंक। स्लो वाली स्पिन अब काम की नहीं रही। क्रिकेट में बदलाव हो गया है।’’
राहुल के बारे में पिता ने कहा, ‘स्पिनर के तौर पर इतना मेहनत कोई नहीं करता जितना इसने किया है। दीपक ने भी मेहनत किया है। अब राहुल फिटनेस से तेज हो गया। पहले स्लो था। फील्डिंग और रनिंग तेज हुई है।’’ राहुल ने कहा, ‘‘मेरे में प्रदर्शन को लेकर कभी डर नहीं था। मेरा प्रदर्शन ठीक रहता था। बस फिटनेस पर ध्यान देना था।’’ राहुल को रोकते हुए दीपक ने कहा, ‘‘मेरे पिता ने अपनी जिंदगी मेरे लिए कुर्बान कर दी। अंत में आपको यह नहीं लगना चाहिए कि शायद मैं ये कर लेता तो शायद मैं खेल लेता। हमें वो काम किया जो जरूरी था।’’