इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम दूसरे टेस्ट मैच में भी मुश्किलों में दिखाई पड़ रही है। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने मैच के दूसरे दिन टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम महज 107 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। पहले टेस्ट मैच में भी बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन की वजह से टीम को 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं दूसरे टेस्ट के पहली पारी में भी भारतीय बल्लेबाजों का फ्लॉप शो जारी है। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने इस मैच में दो बदलाव भी किए। विराट कोहली अपनी कप्तानी में पिछले चार सालों के दौरान कभी एक ही टीम के साथ लगातार दो मैचों में खेलने मैदान में नहीं उतरे हैं। साल 2014 के बाद हर दूसरे मैच के दौरान टीम के खिलाड़ियों को बदला गया है।

कप्तान विराट कोहली के साथ चेतेश्वर पुजारा (फोटो सोर्स- एपी फोटो)

जुलाई 2014 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम अंतिम बार बिना किसी बदलाव के मैदान में उतरी थी। विराट कोहली बल्लेबाजी में लगातार रन बना रहे हैं, लेकिन कप्तानी में उनसे कहीं ना कहीं चूक जरूर हो रही है। पिछले चार सालों में कप्तान विराट कोहली अपने खिलाड़ियों पर भरोसा जताने में कामयाब नहीं हो पाए। कोहली की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम की सलामी जोड़ी में भी लगातार बदलाव होते रहे हैं। मुरली विजय, शिखर धवन, केएल राहुल और विराट कोहली टीम के लिए अब तक ओपनिंग कर चुके हैं।

वहीं मिडल ऑर्डर में अजिंक्य रहाणे, करुण नायर और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों में जंग चलती रही है। लॉर्ड्स में विराट कोहली ने दिनेश कार्तिक से पहले हार्दिक पंड्या को बल्लेबाजी करने के लिए भेजने का कताम किया। बतौर कप्तान विराट कोहली को यह बात समझनी चाहिए कि खिलाड़ियों के साथ हर समय एक्सपेरिमेंट करना टीम की मुश्किलों को कम करने की वजह और बढ़ा सकता है।