टी20 वर्ल्ड कप 2024 के पहले फाइनलिस्ट का नाम तय हो गया। साउथ अफ्रीका ने अफगानिस्तान को हराकर पहली बार फाइनल का टिकट कटाया। अफगानिस्तान की टीम सुपर-8 का मैच खेलने के बाद सेमीफाइनल खेलने त्रिनिदाद देरी से पहुंची। उनकी फ्लाइट में देरी हुई। अफगानिस्तान की शिकायत के बाद यह कहा जाने लगा कि आईसीसी भारत को लेकर बाकी टीमों के साथ पक्षपात कर रहा है।
भारत का सेमीफाइनल मैच पहले से ही था तय
शेड्यूल के अनुसार यह पहले से ही तय था कि अगर भारत सेमीफाइनल में पहुंचेगा तो उसका मैच गयाना में ही होगा। यह मैच गयाना के समय अनुसार सुबह और भारत के समय के अनुसार शाम में होगा। इसी कारण अफगानिस्तान को आखिरी ग्रुप राउंड मैच खेलने के बावजूद पहले सेमीफाइनल के लिए त्रिनिदाद जाना पड़ा।
1992 में भी तय था ऑस्ट्रेलिया का सेमीफाइनल वेन्यू
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब ब्रॉडकास्टर्स और घरेलू दर्शकों को देखते हुए आईसीसी ने कुछ टीमों के लिए वेन्यू पहले से तय कर दिए गए। साल 1992 में ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था। ऑस्ट्रेलिया अगर सेमीफाइनल में जगह बनाता को उसका मैच कहां होगा यह पहले से ही तय कर दिया गया था। वहीं अगर सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड का सामना ऑस्ट्रेलिया से नहीं होता तो उनका वेन्यू भी तय होता। इमरान खान की ऑटोबायोग्राफी के मुताबिक इसी कारण न्यूजीलैंड की टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी लीग मैच में कुछ खास नहीं किया ताकी उन्हें घरेलू मैदान पर मैच खेलने का मौका मिला।
1996 में पाकिस्तान के पास भी था विकल्प
1996 के वर्ल्ड कप में यह पहले से ही तय कर दिया गया था कि अगर पाकिस्तान क्वार्टरफाइनल खेलता है और उसका मैच भारत के खिलाफ नहीं होता है तो उसे घर पर यह मैच खेलने का मौका मिलेगा। हालांकि पाकिस्तान का सामना क्वार्टरफाइनल में भारत से हुआ और यह मैच बेंगलुरु में खेला गया। साल 2011 में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी। तब यह तय किया गया था कि सभी मेजबान टीमें नॉकआउट मैच अपने घर पर खेलेंगी। आईसीसी लगभग 30 साल से ऐसा करता आ रहा है लेकिन पहले कभी सवाल नहीं उठाया गया। हालांकि अब जब व्यूअरशिप के कारण भारत को यह फायदा दिया जा रहा है तो सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
