उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने 2013 सट्टेबाजी प्रकरण में चेन्नई सुपरकिंग्स के शीर्ष अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन के शामिल होने पर इस आईपीएल फ्रेंचाइजी पर लगे दो साल के प्रतिबंध को चुनौती दी थी। प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की पीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें स्वामी ने आरोप लगाया था कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन या सीएसके टीम के किसी अन्य खिलाड़ी के खिलाफ कोई आरोप नहीं है और इसलिए न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति द्वारा लगाया गया प्रतिबंध ‘गैरकानूनी, मनमाना और अनुचित’ है।

लोढ़ा समिति ने मयप्पन और राज कुंद्रा जैसे शीर्ष अधिकारियों के सट्टेबाजी में शामिल होने को लेकर सीएसके और राजस्थान रॉयल्स पर प्रतिबंध लगाया था। याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की मौजूदगी वाली पीठ ने कहा कि लोढ़ा पैनल की सीएसके और राजस्थान रायल्स पर प्रतिबंध की सिफारिश अंतिम आदेश है। मद्रास उच्च न्यायालय ने भी सीएसके के मालिकों की इस तरह की याचिका को खाजिर किया था जिसमें न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति के आदेश को चुनौती दी गई थी।