Arun Dhumal on IPL: भारत में क्रिकेट अगर एक धर्म है तो आईपील उसका सबसे बड़ा त्योहार। दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग ने बीते 15 सालों में न जाने कितने ही खिलाड़ियों को इस मंच पर आकर पर प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। बीते दो सालों से कोरोना के कारण लीग को चुनिंदा जगहों पर ही आयोजित किया जा रहा था लेकिन इस बार फिर से ये लीग हमेशा की तरह कई मैदानों पर आयोजित हो रही है।
गुवाहाटी में खेले गए IPL के मैच
हर टीम के पास अपना घरेलू मैदान है लेकिन इसके अलावा गुवाहाटी और धर्मशाला जैसी जगहों पर भी मैच आयोजित करने तैयारी की गई है। हालांकि बीसीसीआई अभी रांची और कटक जैसे छोटे शहरों को आईपीएल के लिहाज से अहम नहीं मान रही है। आईपीएल के चेयरमैन अरुण धूमल का कहना है कि रांची उनकी योजना का हिस्सा नहीं है।
रांची में नहीं होंगे IPL के मैच
रांची भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का घर है लेकिन माही के इस गढ़ में आईपीएल मैच नहीं होगा। इंडियन एक्सप्रेस अड्डा में बात करते हुए अरुण धूमल ने कहा, ‘हमारा देश बहुत बड़ा है, ऐसे में टीमों का सफर करने में मुश्किल होती है। खिलाड़ी एक दिन मैच खेलते हैं। अगले दिन सफर करते हैं फिर अगले दिन मैच खेलते हैं। ऐसे में वेन्यू बढ़ाने से मुश्किलें और बढ़ेंगी। इस्टर्न पार्ट में गुवाहाटी ही बड़ा मैदान है इसलिए वहां मैच कराना अहम था। वहीं धर्मशाला उत्तर भारत में ये काम करता है। ऐसे में हम किसी ऐसी जगह मैच नहीं करा सकते जहां एयरपोर्ट अच्छा न हो, अच्छे होटेल न हो। हालांकि आगे जाकर हम कुछ विकल्प देख सकते हैं।’
घरेलू भाषा में कमेंट्री के हैं कई फायदे
आईपीएल के इस सीजन में कई भाषाओं में मैचों की कमेंट्री की जा रही है। भोजपुरी कमेंट्री खासतौर पर बहुत लोकप्रिय हो गई है। धूमल का कहना है कि लोगों के साथ जुड़े रहने के लिए ये अच्छा कदम है। उन्होंने कहा, ‘डांस इंडिया डांस और सारेगामपा जैसे रिएलिटी शो को देखें यहां लोग छोटे शहरों से आते हैं और मौका मिलने पर प्रतिभा दिखाते हैं। आईपीएल में भी ऐसा ही है। ऐसे में इन लोगों को बस हिंदी और अंग्रेजी में ही बांधकर क्यों रखा जाए। ‘
भोजपुरी कमेंट्री से प्रभावित हैं धूमल
उन्होंने आगे कहा, ‘आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी लीग है। उन्होंने खेल को काफी दिलचस्प बना दिया है ताकि लोग इससे जुड़े रहें। लोग क्रिकेट से जुड़े हुए हैं। मैं ये सोचता हूं कि अंग्रेजी आपको दुनिया से जोड़ती है लेकिन हिंदी और घरेलू भाषाएं आपको आपकी जमीन से जोड़े रखती है। हमें खुशी है कि इससे पूरी दुनिया को हमारी अलग-अलग संस्कृति के बारे में पता चल रहा है।’