भारत के पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) ने कहा है कि एमएस धोनी के साथ तुलना करने का दबाव ऋषभ पंत के लिए अच्छा नहीं है। जब से पंत ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया है, तब से ही उन्हें धोनी से बैटन लेने और उन्हीं की तरह परफॉर्म करने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन इस युवा खिलाड़ी का अब तक अंतरराष्ट्रीय करियर मिला-जुला ही रहा है।
एमएसके प्रसाद मानते हैं कि ऋषभ पंत के खेल में गिरावट का बड़ा कारण उनका एमएस धोनी से खुद की तुलना करना है। प्रसाद ने कहा, ‘ऋषभ पंत न सिर्फ अब अपने आदर्श धोनी से खुद की तुलना कर रहे हैं, बल्कि कई मायनों में वह उन्हें कॉपी करने की भी कोशिश कर रहे हैं, इसी कारण उनके खेल में गिरावट आई है।’ एमएसके प्रसाद ने स्पोर्ट्सकीड़ा के फेसबुक पेज पर दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने बताया कि धोनी के संन्यास से पहले जब टीम मैनेजमेंट एक और विकेटकीपर तैयार करना चाहता था तो पंत को इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प समझा गया।
प्रसाद ने कहा, ‘पंत जब भी दिखाई देते थे, उनकी हमेशा धोनी से तुलना की जाती थी। इस उत्साह ने भी उन्हें जकड़ लिया। हमने कई बार उनसे बात की कि वह इससे बाहर आएं। पंत को धोनी की परछाई से बाहर निकलने की जरूरत है। वह शानदार प्रतिभा वाले खिलाड़ी हैं। उनमें खुद को टीम इंडिया में साबित करने की क्षमता है। यही वजह है कि टीम मैनेजमेंट ने उन्हें बार-बार मौके दिए हैं।’
प्रसाद ने कहा, ‘ऋषभ पंत को जल्दी ही यह समझना होगा कि उन्हें धोनी से अपनी तुलना के बजाए सिर्फ अपने खेल पर फोकस करने की जरूरत है। उन्हें उन चीजों को दोहराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जो धोनी किया करते थे।’ बता दें कि पंत ने 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच से अपना टेस्ट डेब्यू किया था। जल्द ही वह इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बन गए।
प्रसाद ने पंत की इस उपलब्धि की याद दिलाते हुए कहा, ‘वह एक उम्दा खिलाड़ी हैं। लेकिन धोनी से खुद की तुलना करना इस लेफ्टहैंडर बल्लेबाज के खेल को प्रभावित कर रहा है।’ प्रसाद ने बताया कि जब वह टीम के मुख्यचयनकर्ता थे तो उन्होंने पंत को यह बात समझाई थी कि वह खुद की तुलना धोनी से नहीं करें। धोनी एक अलग खिलाड़ी हैं और पंत एक अलग।