जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले का असर क्रिकेट पर भी पड़ेगा। 5 अगस्त 2019 को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया। इसमें कहा गया है, ‘राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।’ संकल्प के मुताबिक, जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया है। जम्मू कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा। इसके अलावा लद्दाख को उससे अलग कर अलग केंद्र शासिस प्रदेश बनाया गया है। हालांकि, वहां विधानसभा नहीं होगी।
सरकार के इस फैसले का असर क्रिकेट जगत खासकर रणजी ट्रॉफी पर भी पड़ेगा। रणजी ट्रॉफी के 2019-20 सीजन में 37 टीमें हिस्सा लेंगी। चूंकि, अब देश में 7 की जगह 9 केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं। ऐसे में रणजी ट्रॉफी के अगले सत्र (2020-21) में 37 की जगह 38 टीमें हिस्सा लेती दिख सकती हैं। रणजी ट्रॉफी में अभी जम्मू-कश्मीर की टीम हिस्सा लेती है। लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) वहां भी अपनी एक इकाई के गठन की मान्यता दे सकता है। यदि ऐसा हुआ तो लद्दाख को भी रणजी ट्रॉफी या राष्ट्रीय स्तर की अन्य प्रतियोगिताओं में अपनी टीम भेजने का अधिकार मिल जाएगा।
बीसीसीआई के 2019-20 सीजन की शुरुआत अगस्त में दलीप ट्रॉफी के मैच से होगी। सीजन के दौरान पुरुषों और महिलाओं के मिलाकर कुल 2036 घरेलू मुकाबले होंगे। दलीप ट्रॉफी के मुकाबले 17 अगस्त से 8 सितंबर तक खेले जाएंगे। रणजी ट्रॉफी के लीग मुकाबले 9 दिसंबर से शुरू होंगे, जो कि 14 फरवरी तक चलेंगे। 19 फरवरी से नॉकआउट स्टेज के मुकाबले शुरू होंगे। टूर्नामेंट का समापन 13 मार्च को होगा। इस दौरान 160 मैच खेले जाएंगे।
रणजी ट्रॉफी का फॉर्मेट पिछले सीजन की तरह ही रखा गया है। इसमें प्लेट ग्रुप में टॉप पर रहने वाली टीम अगले सीजन में एलीट ग्रुप सी के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई करेगी। वहीं, एलीट ग्रुप सी में टॉप पर रहने वाली दो टीमें अगले सीजन में एलीट ग्रुप ए और एलीट ग्रुप बी के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगी। रणजी ट्रॉफी के बाद 18 मार्च से 22 मार्च तक ईरानी ट्रॉफी के मैच खेले जाएंगे।