बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप 2023 में एचएस प्रणॉय का सपना तब टूट गया, जब वह शनिवार 26 अगस्त को मेन्स सिंगल्स के सेमीफाइनल में थाइलैंड के कुनलावुत वितिदसर्ण के खिलाफ 3 गेम में हार गए। तीन बार के पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन कुनलावुत वितिदसर्ण ने बेहतर डिफेंस और अटैक का प्रदर्शन करते हुए 18-21, 21-13, 21-14 से जीत हासिल की और लगातार दूसरी बार फाइनल में स्थान पक्का किया।

इस तरह एचएस प्रणॉय को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। इस हार के बावजूद एचएस प्रणॉय के लिए यह शानदार उपलब्धि रही, क्योंकि वह विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले 5वें भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बन गए। यही नहीं, एचएस प्रणॉय के पदक जीतने से विश्व चैंपियनशिप में 2011 के बाद से भारत का मेडल जीतने का क्रम जारी रहा।

पीवी सिंधु जीत चुकी हैं सबसे ज्यादा 5 पदक

एचएस प्रणॉय से पहले किदाम्बी श्रीकांत (रजत), लक्ष्य सेन (कांस्य), बीसाई प्रणीत (कांस्य) और प्रकाश पादुकोण (कांस्य) पुरुष एकल में पदक जीत चुके हैं। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने एक स्वर्ण (2019) समेत 5 एकल पदक जीते हैं। साइना नेहवाल (रजत और कांस्य) ने दो पदक जीते हैं, जबकि ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी ने 2011 में कांस्य पदक जीता था। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने 2022 में कांस्य पदक जीता था।

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बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप 2023 के सेमीफाइनल में हारने से एचएस प्रणॉय का सपना तब टूट गया। (सोर्स- ट्विटर/@Media_SAI)

एचएस प्रणॉय ने पहले गेम में हासिल की करीबी जीत

मैच का पहला गेम काफी करीबी रहा। एचएस प्रणॉय ने इसे 21-18 से जीता। पहले गेम की शुरुआत में प्रणॉय कुनलावुत पर हावी दिख रहे थे। एक समय पर स्कोर 11-5 से एचएस प्रणॉय के पक्ष में था। प्रणॉय ने इस बाद भी बढ़त बनाए रखी और स्कोर को अपने पक्ष में 15-7 कर दिया। हालांकि, इसके बाद विरोधी खिलाड़ी ने स्कोर 12-17 कर लिया। पहले गेम के अंत में मैच और रोमांचक हो गया। एचएस प्रणॉय ने स्कोर 19-17 किया। कुनलावुत ने आखिरी में कुछ अच्छे हाथ दिखाए और स्कोर को 18-20 तक ले गए, लेकिन प्रणॉय ने 21-18 से गेम जीत लिया।

एचएस प्रणॉय ने 4-0 की लीड लेने के बाद गंवाया दूसरा गेम

दूसरे गेम में एचएस प्रणॉय ने फिर जोरदार शुरुआत की। एचएस प्रणॉय ने शुरुआत में 4-0 की लीड ले ली थी लेकिन फिर कुनलावुत ने अच्छी वापसी करते हुए स्कोर को 7-7 से बराबर कर लिया। कुनलावुत ने इसके बाद लगातार 4 अंक अर्जित किए और स्कोर को 11-7 से अपने पक्ष में किया। इसके बाद एचएस प्रणॉय ने वापसी करने की कोशिश की, लेकिन दुनिया के तीन नंबर के शटलर कुनलावुत ने उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिए और 21-13 से गेम जीत लिया।

कुनलावुत वितिदसर्ण ने आसानी से जीता तीसरा गेम

निर्णायक गेम में वितिदसर्ण ने तीन स्मैश लगाकर 3-1 की बढ़त को 5-1 में बदला। प्रणॉय आक्रामक होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बैकलाइन पर अपनी लेंथ में जूझते दिखे। इससे थाई शटलर 7-3 से आगे हो गया। प्रणॉय ने जम्प स्मैश और वितिदसर्ण के लंबे शॉट से अंतर 7-8 कर दिया, लेकिन वितिदसर्ण ने ब्रेक तक चार अंक की बढ़त सुनिश्चित की। इसके बाद प्रणॉय की दो नेट गलतियों से वह 14-8 पर पहुंच गए। प्रणॉय ने वापसी करते हुए 2 अंक जुटाए, लेकिन वितिदसर्ण 19-13 के बाद आराम से मैच जीत गए।

पिछले साल ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में भी एचएस प्रणॉय को झेलनी पड़ी थी हार

एचएस प्रणॉय पिछले साल ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में दो कड़े मुकाबलों में वितिदसर्ण से हार गए थे। एचएस प्रणॉय को थाई खिलाड़ी के डिफेंस और वापसी करने की क्षमता के बारे में पता था। भारत के शीर्ष क्रम के पुरुष एकल खिलाड़ी ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन दूसरे गेम से उनके खेल में थकान का असर दिखने लगा जो शायद पिछले दो दिन में खेले गए तीन गेम के मैचों के कारण हो।