कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच बीसीसीआई क्रिकेट की बहाली में जुटा है। इसी क्रम में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने राज्य संघों को 100 पेजों वाली मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure) जारी की है। बीसीसीआई की मानें तो यह एसओपी राज्य संघों को क्रिकेट गतिविधियों को फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, ट्रेनिंग शुरू करने से पहले खिलाड़ियों को सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करने होंगे। एसओपी 60 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को ट्रेनिंग कैंपों (प्रशिक्षण शिविरों) का हिस्सा बनने से रोकती है। बीसीसीआई की इस एसओपी का असर बंगाल और बड़ौदा के कोच क्रमशः अरुण लाल और डेव वॉटमोर पर भी पड़ेगा। अरुण लाल 65, जबकि वॉटमोर 66 साल से ज्यादा के हैं।
बीसीसीआई ने एसओपी में ट्रेनिंग के लिए लौटते समय सिद्धांतों को जारी किया है। दरअसल, यह सारी कवायद कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए की जा रही है। इसके तहत अभ्यास सुविधाओं की तैयारी, व्यायामशाला प्रोटोकॉल, फिजियोथेरेपी और चिकित्सा प्रोटोकॉल के साथ-साथ प्रोटोकॉल पर नजर रखने के साथ ट्रेनिंग को लेकर भी एसओपी जारी की गई है। इसमें सहमति फॉर्म भी है।
सहमति फॉर्म के मुताबिक, खिलाड़ियों को पता होना चाहिए कि फिर से प्रशिक्षण शुरू करने में जोखिम है। फॉर्म में खिलाड़ी को जगह-जगह प्रोटोकॉल और एसोसिएशन की ओर से बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया है। खिलाड़ी को यह स्वीकार करना होगा कि एसोसिएशन जरूरी सावधानी बरतने के बावजूद जोखिम के पूर्ण उन्मूलन की गारंटी नहीं दे सकता। ऐसे में प्रशिक्षण को दोबारा शुरू करने की इच्छा खिलाड़ियों पर निर्भर है।
एसओपी के मुताबिक, ‘बीसीसीआई खिलाड़ियों, स्टॉफ और सभी हितधारकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उपयुक्त प्रोटोकॉल तय करने का जिम्मेदार है। कोविड-19 एक संक्रामक रोग है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह इंसान के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है, जो 1.75 करोड़ से ज्यादा संक्रमितों और एक अगस्त 2020 तक 6 लाख से अधिक मौतों के साथ दुनिया के लगभग हर देश में फैला है।’
एसओपी के मुताबिक, जिन व्यक्तियों की आयु 60 साल से ज्यादा है, ऐसे सहायक कर्मचारी, अंपायर, ग्राउंड स्टॉफ, डायबिटीज (मधुमेह) जैसी बीमारियों से ग्रसित, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को COVID-19 का अधिक जोखिम है।
एसओपी के अनुसार, ‘ऐसा कहा जाता है कि भारत में क्रिकेट एक धर्म है। इस बात का उत्साह है कि देश में क्रिकेट की कमान किसी भी अन्य खेल या आयोजन से कहीं ज्यादा है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों श्रेणी में (38 राज्य टीमों में) खिलाड़ियों और कर्मचारियों को बहुत ज्यादा राजस्व पैदा करने में मदद करता है।’
एसओपी के अनुसार, हालांकि, बीसीसीआई कोरोना की संक्रामक दर को लेकर चिंतित है। उसके लिए खिलाड़ियों, कर्मचारियों और हितधारकों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोपरि है। यही वजह है कि बीसीसीआई निवारक उपायों पर समझौता नहीं करना चाहेगा।