सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने 58 साल का इंतजार खत्म करते हुए एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत को पुरूष युगल में स्वर्ण पदक दिलाया। विश्व चैंपियनशिप 2022 कांस्य पदक विजेता जोड़ी ने पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए मलेशिया के ओंग यू सिन और तियो ई यि को 16-21, 21-17, 21-19 से हराया। इससे पहले इस चैंपियनशिप में भारत के लिये स्वर्ण सिर्फ दिनेश खन्ना ने जीता था, जब उन्होंने 1965 में लखनऊ में थाईलैंड के सांगोब रत्तनुसोर्न को पुरूष एकल फाइनल में हराया था। इससे पहले इस चैंपियनशिप में भारतीय पुरूष युगल टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कांस्य पदक रहा है, जो 1971 में दीपू घोष और रमन घोष ने जीता था।

इससे पहले इस चैंपियनशिप में भारतीय पुरूष युगल टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कांस्य पदक रहा है, जो 1971 में दीपू घोष और रमन घोष ने जीता था । बासेल में स्विस ओपन सुपर 300 खिताब जीतने वाले सात्विक और चिराग ने पहला गेम गंवाने के बावजूद जुझारूपन नहीं छोड़ा और दूसरे गेम में 7-13 से तथा तीसरे गेम में 11-15 से पिछड़ने के बाद वापसी की। इस जोड़ी का यह सत्र का दूसरा खिताब है। उन्होंने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेल और बीडब्ल्यूएफ टूर पर पांच कैरियर खिताब जीते थे।

8-13 से पिछड़ने के बाद भारतीय जोड़ी ने वापसी की

अमलापुरम के 22 वर्ष के सात्विक और मुंबई के 25 वर्ष के चिराग ने बेहद आक्रामक खेल दिखाया। पहला गेम बराबरी का था, जिसमें मलेशियाई जोड़ी भारी पड़ी। दूसरे गेम में भी मलेशियाई जोड़ी ने बढत बना ली थी । 8-13 से पिछड़ने के बाद भारतीय जोड़ी ने वापसी की। तियो की गलती पर सात्विक ने बैकहैंड पर जबर्दस्त स्मैश लगाकर मैच का रूख पलटा।

बैकहैंड पर चिराग के स्मैश पर भारतीय जोड़ी ने मुकाबला अपने नाम किया

भारतीय जोड़ी ने 18-15 से बढ़त बना ली। इसके बाद तीन अंक लेकर मैच को निर्णायक गेम में खींचा। निर्णायक गेम में मलेशियाई जोड़ी का तकनीकी कौशल काबिले तारीफ था, जिन्होंने 11-8 की बढ़त भी बना ली। भारतीय जोड़ी ने अंतर 14-15 का किया और फिर 17-16 से आगे हो गए। बैकहैंड पर चिराग के स्मैश पर भारतीय जोड़ी ने मुकाबला अपने नाम किया।