पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार जका अशरफ ने एशिया कप 2023 के हाइब्रिड मॉडल को ठुकरा दिया है। इसके तहत टूर्नामेंट का आयोजन सितंबर में पाकिस्तान और श्रीलंका में होना है। भारतीय टीम के पाकिस्तान दौरा करने से मना करने के बाद तत्कालिन पीसीबी अध्यक्ष नजम सेठी ने हाइब्रिड मॉडल का आइडिया दिया। सेठी के अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने के कुछ ही समय में नटकीय तौर पर चीजें बदली हैं। ऐसे में यह भी सवाल है कि क्या पद से उनकी छुट्टी एशिया कप के हाइब्रिड मॉडल के कारण तो नहीं हुई? बता दें कि अध्यक्ष की नियुक्ति पीसीबी का संरक्षक करता है। बोर्ड के मुख्य संरक्षक प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ हैं।
अशरफ ने इस्लामाबाद में बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘पहली बात तो यह है कि मैं पहले भी एशिया कप के हाइब्रिड मॉडल को खारिज कर चुका हूं, क्योंकि मैं इससे सहमत नहीं हूं। एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के बोर्ड ने फैसला किया था कि यह टूर्नामेंट पाकिस्तान में होगा तो यहीं होना चाहिए।’’ अशरफ के इस बयान के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) में तकरार तय है। भारत में अक्टूबर-नवंबार में होने वाले वनडे विश्व कप में पाकिस्तान की भागीदारी भी खटाई में पड़ सकती है।
बीसीसीआई भी कड़ा रूख अपना सकता
पाकिस्तान के सहमति जताने के बाद पीछे हटने से बीसीसीआई भी कड़ा रूख अपना सकता है। एसीसी के कार्यकारी बोर्ड ने हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दी है। अध्यक्ष बनने पर अशरफ अगर अपना रूख नहीं बदलते हैं, तो एशिया कप पाकिस्तान के बिना ही खेला जा सकता है। पीटीआई के अनुसार एसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने कहा ,‘‘एशिया कप मॉडल को एसीसी ने स्वीकार किया है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। अशरफ जो चाहे, वह कहने के लिये स्वतंत्र हैं।’’
सेठी के पद से हटते ही बदले हालात
हाइब्रिड मॉडल को बीसीसीआई सचिव जय शाह की अध्यक्षता वाली एसीसी ने स्वीकार किया था। भारत ने साफ तौर पर कहा था कि वह पाकिस्तान खेलने नहीं जाएगा। सेठी के अध्यक्ष पद से हटते ही 48 घंटे में हालात बदल गए। सेठी ने कहा था कि वह आसिफ जरदारी और शाहबाज शरीफ के बीच मतभेद का कारण नहीं बनना चाहते और इसी वजह से अध्यक्ष पद की दौड़ से हट रहे हैं।
छोटे-मोटे मैच पाकिस्तान में नहीं चाहते
अशरफ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह नहीं चाहते कि छोटे-मोटे मैच पाकिस्तान में कराए जाएं। उन्होंने कहा ,‘‘ सभी मुख्य मैच पाकिस्तान से बाहर होंगे। नेपाल और भूटान जैसी टीमें पाकिस्तान में खेलेंगे, जो गलत है। मुझे नहीं पता कि बोर्ड ने पहले क्या मंजूरी दी। मैं देखता हूं कि इतने कम समय में क्या हो सकता है। हम वही करेंगे जो पाकिस्तान के लिए बेहतर हो।’’
विश्व कप शेड्यूल जारी करने में होगी और देरी
अशरफ ने यह भी कहा कि विश्व कप का मसला अभी हल नहीं हुआ है, जिसके मायने हैं कि कार्यक्रम जारी करने में अभी और विलंब होगा। उन्होंने कहा ,‘‘पाकिस्तान के सामने चुनौतियां हैं। कई लंबित मसले हैं। एशिया कप है और फिर विश्व कप है। मैं किसी के खिलाफ नहीं बोलना चाहता क्योंकि अभी मैंने पद नहीं संभाला है। पद संभालने के बाद देखते हैं कि क्या हालात हैं।