महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि अर्शदीप सिंह मामले को बहुत ज्यादा तूल नहीं जाना चाहिए। ऐसे मामलों को इग्नोर किया जाना चाहिए। गावस्कर ने विराट कोहली के खुलासे पर भी अपनी राय रखी। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है कि विराट कोहली को उस खिलाड़ी का नाम बताना चाहिए जिससे वह टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद फोन करने की उम्मीद कर रहे थे और साथ ही यह भी बताएं कि वह किस तरह के संदेश का इंतजार कर रहे थे।
सुनील गावस्कर अर्शदीप सिंह को ट्रोल करने वालों को बहुत अधिक महत्व दिए जाने पर भी मुखर थे। अर्शदीप मैच के अंतिम ओवरों में आसिफ अली का एक आसान कैच लेने से चूक गए। इसके बाद उनके विकीपीडिया पेज के साथ छेड़छाड़ की गई। गावस्कर ने कहा, ‘किसी भी पूर्व क्रिकेटर ने अर्शदीप की आलोचना नहीं की है। वे कौन लोग हैं, जो अर्शदीप की आलोचना कर रहे हैं?’
उन्होंने कहा, ‘यदि किसी साथी खिलाड़ी या किसी पूर्व खिलाड़ी ने कुछ कहा होता तब आप उसका नोट ले सकते थे, क्योंकि उस व्यक्ति को खेल के बारे में अनुभव है, वह खेल के बारे में कुछ जानता है, लेकिन जब किसी ने खेला ही नहीं है और उसे खेल की समक्ष ही नहीं है, तब…। ऐसे लोग जो अपनी पहचान छिपा रहे हैं?’
गावस्कर ने कहा, ‘मैं समझ ही नहीं पा रहा हूं कि उनकी टिप्पणियों को इतनी गंभीरता से लिया ही क्यों जा रहा है? वे कौन हैं? वे कुछ नहीं हैं। उनको नजरअंदाज कीजिए। उनमें से कितने स्टैंड में आने वाली गेंद को कैच कर सकते हैं। शायद ही कोई। तो उनकी टिप्पणी कैसे मायने रखती है। हमें उन्हें श्रेय देने की आवश्यकता ही क्यों हैं?’
विराट को बताना चाहिए कि वह किस खिलाड़ी से किस तरह के संदेश की उम्मीद कर रहे थे: सुनील गावस्कर
एशिया कप 2022 में पाकिस्तान के हाथों भारत की पांच विकेट की हार के बाद विराट कोहली ने कहा था, ‘मैं एक बात आपको बताऊं कि जब मैंने टेस्ट कप्तानी छोड़ी तो सिर्फ एक व्यक्ति का मुझे संदेश आया और वह थे महेंद्र सिंह धोनी कई लोगों के पास मेरा नंबर है और कई लोग टीवी पर राय देते हैं, लेकिन जिन लोगों के पास मेरा नंबर है, उनमें से किसी और ने मुझे संदेश नहीं भेजा।’
कोहली की शिकायत के बारे में पूछे जाने पर गावस्कर ने कहा, ‘यह कहना बहुत मुश्किल है कि विराट किसका जिक्र कर रहे हैं? अगर उन्होंने कोई नाम लिया होता तो आप उस व्यक्ति से पूछ सकते हैं कि आपने उससे संपर्क किया है या नहीं। मैंने जो सुना है वह यह है कि वह केवल यह कह रहे हैं कि टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें फोन किया।’
सुनील गावस्कर ने कहा, ‘अगर वह पूर्व खिलाड़ियों के बारे में बात कर रहे हैं तो जो उनके साथ खेले हैं तो हम जानते हैं कि टीवी पर कौन आता है। उन्हें उस खिलाड़ी का नाम देना चाहिए जिसका वह जिक्र कर रहे हैं। उनसे पूछो क्या भाई आपने कोई संदेश नहीं भेजा।’ हालांकि, गावस्कर ने इसके बाद कहा, ‘वह क्या संदेश चाहते थे? प्रोत्साहन? लेकिन वह कप्तानी छोड़ चुका थे तो उन्हें प्रोत्साहन की आवश्यकता क्यों थी? वह अध्याय (कप्तानी) पहले ही बंद हो चुका था।’
गावस्कर यह उल्लेख करना नहीं भूले कि जब उन्होंने 1985 में ऑस्ट्रेलिया में बेंसन एंड हेजेस विश्व क्रिकेट चैंपियनशिप जीतने के बाद कप्तानी छोड़ी थी तो उनके लिए कोई विशेष संदेश या फोन नहीं आया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने 1985 में (बी एंड एच) क्रिकेट विश्व चैंपियनशिप के बाद कप्तानी छोड़ दी। उस रात हमने जश्न मनाया, एक-दूसरे को गले लगाया, लेकिन इससे आगे आप और क्या उम्मीद करते हैं?’