भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर का जन्म 24 अक्टूबर 1974 को प्रेम कुमार धूमल और शीला धूमल के घर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले समीरपुर गांव में हुआ था। उनको बचपन से ही क्रिकेट खासा लगाव था। जालंधर के दयानंद मॉडल स्कूल में पढ़ाई के दौरान अनुराग ने अंडर-15 और अंडर-19 में पंजाब क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व भी किया। वह 1992-93 में पंजाब रणजी टीम के कप्तान भी रहे।

उनका यह क्रिकेट करियर लंबा नहीं खिंच पाया, क्योंकि इसी दौरान उनके पिता प्रेम कुमार धूमल सक्रिय राजनीति में उतर आए और उन पर दूसरी जिम्मेदारियां बढ़ गईं। हालांकि, क्रिकेट और अपने तेज-तर्रार स्वभाव के कारण चर्चा में आए अनुराग ठाकुर को इसका राजनीति में लाभ मिला। कहना गलत नहीं होगा कि क्रिकेट के जरिए उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। क्रिकेट के कारण अनुराग ठाकुर की युवाओं में अच्छी खासी पकड़ थी। वह 2008 से लगातार तीन बार लोकसभा सांसद चुने गए।

अनुराग ठाकुर 29 जुलाई 2016 को टेरिटोरियल ऑर्मी (प्रादेशिक सेना) का हिस्सा बने। वह प्रादेशिक सेना में रेगुलर कमीशंड अफसर पाने वाले भाजपा के पहले सांसद हैं। उन्हें तत्कालीन चीफ ऑफ ऑर्मी स्टॉफ जनरल दलबीर सिंह ने लेफ्टिनेंट की रैंक प्रदान की थी। वह 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त और कॉर्पोरेट मामले के राज्य मंत्री बने।

46 साल के अनराग 22 मई 2016 से दो जनवरी 2017 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे। वह बीसीसीआई के दूसरे सबसे युवा अध्यक्ष हैं। 1963 में 33 साल के फतेह सिंह गायकवाड़ बीसीसीआई के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने थे। अनुराग ठाकुर भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चके हैं। अनुराग के छोटे भाई अरुण धूमल इस समय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कोषाध्यक्ष हैं। धूमल ने कहा था कि अगर अनुराग ठाकुर राजनीति में नहीं आते तो भारतीय क्रिकेट टीम के उम्दा खिलाड़ी होते।

27 नवंबर 2002 को अनुराग का विवाह हिमाचल प्रदेश के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर की बेटी शेफाली से हुआ। अनुराग के दो बेटे जयादित्य और उदयवीर हैं। अनुराग अपनी मां के कहने पर अपनी अंगुलियाों में अलग-अलग रत्नों की अंगुठियां पहनते हैं। अनुराग सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। ट्विटर पर उनके 15 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं। अनुराग के पिता प्रेम कुमार धूमल दो बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

अनुराग ठाकुर 26 साल की उम्र में ही भारतीय जूनियर क्रिकेट टीम के सिलेक्टर बन गए थे। वह 25 साल की उम्र से हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। अब अरुण धूमल उनकी जगह अध्यक्ष हैं। धर्मशाला स्टेडियम में आईपीएल और इंग्लैंड टीम के साथ वन डे मैच कराने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है।