भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले मानते हैं कि लार पर प्रतिबंध के कारण खिलाड़ियो को मैनेज करना मुश्किल होगा। चिकित्सा सलाह के आधार पर इस बीमारी (कोविड-19) के संक्रमण में लार का अहम योगदान हो सकता है। इसलिए हमने लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। आईसीसी की क्रिकेट समिति के अध्यक्ष अनिल कुंबले ने स्पष्ट किया कि उनका पैनल गेंद पर कृत्रिम पदार्थों के इस्तेमाल की मंजूरी देने के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं है। कुंबले पहले भी कह चुके हैं कि लार पर प्रतिबंध अंतरिम उपाय है।
हालांकि, अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने बताया कि लार पर प्रतिबंध के बावजूद कैसे गेंद और बल्ले के बीच की लड़ाई को संतुलित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिच की मदद से बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाए रखा जा सकता है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कई बड़े गेंदबाज लगातार गेंद पर लार लगाने का विकल्प देने को लेकर बातें कर रहे हैं। इनमें पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, जसप्रीत बुमराह जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
कुंबले ने कहा, पिच की स्थिति के अनुरूप टीम संयोजन तैयार करके बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाया जा सकता है। कुंबले ने फिक्की वेबिनार में कहा, क्रिकेट में आपके पास पिच होती है। उसके हिसाब से आप खेल सकते हैं। इससे बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बना सकते हैं। आप पिच पर घास छोड़ सकते हैं। आप दो स्पिनरों के साथ खेल सकते हैं। टेस्ट मैचों में स्पिनरों को वापस लेकर आइए, क्योंकि वनडे या टी20 इंटरनेशनल में आप गेंद को चमकाने के लिए आप चिंतित नहीं होते हैं। जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं, वह टेस्ट मैच है।
कुंबले ने कहा, हम टेस्ट मैचों में क्यों न ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में 2-2 स्पिनरों के साथ खेलें। आमतौर पर यही होता है। कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की मंजूरी से खेल में रचनात्मकता नहीं रहेगी। हम गेंद पर कुछ अन्य पदार्थ का इस्तेमाल कर सकते हैं। गेंद पर क्या इस्तेमाल करना है, क्या नहीं, इसे लेकर इतने साल तक हमारा रवैया बेहद कड़ा रहा है। गेंद पर बाहरी पदार्थ के इस्तेमाल को लेकर हमारा रवैया बेहद सख्त रहा है। हमने इस बात को महसूस किया। हमें रचनात्मकता के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।