टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर ने भारत के लिए 191 वनडे में 288 विकेट लिए थे। वे अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ के बाद देश के तीसरे सफल गेंदबाज हैं। गेंद को स्विंग कराने में माहिर रहे अगरकर के बारे में कम ही लोगों को पता होगा कि वे गेंदबाज नहीं बल्लेबाज बनना चाहते थे। अंडर-16 के दौर में उन्हें देश का अगला सचिन तेंदुलकर कहा जाने लगा था। फिर अचानक वे गेंदबाज बन गए और वनडे में सबसे तेज 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी बना दिया। हालांकि, बाद में इसे श्रीलंका के अजंता मेंडिस ने तोड़ दिया।
अजीत अगरकर और आकाश चोपड़ा ने अंडर-16 की यादों को ताजा किया। अगरकर ने कहा, ‘‘दिसंबर में 2 डिग्री सेल्सियस में नीचे से गर्म पानी लाना पड़ता था।’’ आकाश ने कहा, ‘‘जब हम दिल्ली से नॉर्थ जोन में आया था, तो हमें बताया गया था कि देखो एक प्लेयर है जो सचिन की तरह खेलता है। उसे सचिन ने अपने पैड भी दिए हैं। तेंदुलकर, अगरकर और अगरकर नया तेंदुलकर।’
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अगरकर ने कहा, ‘‘ये सब इसलिए कहा जाता था कि मैं बल्लेबाजी बनने की कोशिश करता था। हमारे कोच थे रामाकांत आचरेकर। उन्होंने मुझमें कुछ देखा था। तब सचिन उनके यहां से आया हुआ बड़ा नाम था। इससे पहले प्रवीण आमरे आ चुके थे। जो भी वहां से अगला आता था तो सबको यही लगता था। यह लोगों के देखने का नजरिया था। स्कूल में मैं रन बनाता था। इसलिए ऐसी खबरें सामने आई थी। आज तो 16 साल की उम्र में बच्चे आईपीएल खेल जाते थे।’’
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अगरकर ने आगे बताया, ‘‘सचिन और मैं एक ही स्कूल के थे। उन्होंने मुझे ग्लव्स दिए थे। मैंने बाद में रामाकांत आचरेकर के यहां क्रिकेट सीखने के लिए स्कूल बदल लिया था।’’ आकाश और अजीत जोनल मुकाबलों में अंडर-16 और अंडर-19 में एक-दूसरे के विरोधी थे, लेकिन इंडिया अंडर-19 के लिए दोनों का चयन एक साथ हुआ था। अगरकर ने अंडर-15 मुकाबलों में तिहरा शतक लगाया था। अगरकर ने जिम्बाब्वे के खिलाफ साल 2000 में सिर्फ 21 गेंदों में हाफ सेंचुरी पूरी कर ली थी। उन्होंने 23 मैचों में 50 विकेट पूरे कर लिए थे।