अजिंक्य रहाणे की अगुआई में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 मैच की टेस्ट सीरीज में वापसी की। टीम इंडिया ने दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराया। इसके साथ ही सीरीज में 1-1 की बराबरी की। यह जीत भारत के लिए खास तो रही ही, रहाणे ने भी बतौर कप्तान एक व्यक्तिगत उपलब्धि अपने नाम की। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी के एक खास रिकॉर्ड की बराबरी की।

अजिंक्य रहाणे का टेस्ट में बतौर कप्तान 100 फीसदी सक्सेस रेट बरकरार है। टीम इंडिया ने अजिंक्य रहाणे की अगुआई में यह तीसरा टेस्ट मैच खेला था, जिसमें उसने जीत हासिल की। उनकी अगुआई में खेले गए तीनों टेस्ट मैचों में भारत ने जीत हासिल की है। वह दूसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने अपनी अगुआई में शुरुआती तीन टेस्ट में से हर एक मैच में जीत हासिल की है। महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट में कप्तानी की बागडोर संभालने के बाद अपने शुरुआती तीनों मैचों में टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। अजिंक्य रहाणे ने विराट कोहली की भी बराबरी की। वह विराट के बाद बॉक्सिंग डे टेस्ट जीतने वाले दूसरे भारतीय कप्तान हैं।

घरेलू मैदान पर टॉस जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया को 9 साल बाद शिकस्त मिली है। इससे पहले 2011/12 में उसे न्यूजीलैंड ने होबार्ट में 7 रन से हराया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की ओर से दोनों पारियों में कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं पहुंच पाया। उसके साथ घरेलू मैदान पर 32 साल बाद ऐसा हुआ है, जब उसने दो बार बल्लेबाजी की और उसकी ओर से एक भी पचासा नहीं लगा। इससे पहले 1988-89 में वेस्टइंडीज की मेजबानी करते हुए उसने यह अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम किया था। वह मैच भी मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया था।

अजिंक्य रहाणे ने इस मैच में खुद भी शानदार प्रदर्शन किया। वह मैन ऑफ द मैच चुने गए। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने उन्हें मुलाग मेडल से सम्मानित किया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट मैच से पहले ही प्लेयर ऑफ द मैच को मुलाग मेडल देने का ऐलान किया था। रहाणे ने पहली पारी में 12 चौके की मदद से 223 गेंद पर 112 रन बनाए थे। दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद रहते हुहे 40 गेंद में 27 रन बनाए।

मुलाग मेडल का नाम 152 साल पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रहे जॉनी मुलाग के नाम पर है। जॉनी मुलाग साल 1868 में पहली बार विदेश दौरे पर जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान थे। टीम का यह इंग्लैंड दौरा था। मुलाग ने अपने करियर में 45 टेस्ट की 71 पारी में 1698 रन बनाए। उन्होंने 1877 ओवर गेंदबाजी भी की। इस दौरान 831 मेडन ओवर फेंकते हुए 257 विकेट अपने नाम किए थे। मुलाग ने 1866 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर एक बॉक्सिंग-डे टेस्ट भी खेला था।