भारतीय क्रिकेट टीम के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे को ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज कप्तान इयान चैपल ने ‘जन्मजात नेतृत्वकर्ता’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि मेलबर्न टेस्ट में भारत की जीत का श्रेय बल्ले से उनके उपयोगी योगदान के अलावा चतुराई से भरी साहसिक कप्तानी को दिया जाना चाहिए। एडीलेड में पहला टेस्ट मैच गंवाने वाली भारतीय टीम ने रहाणे की अगुवाई में मेलबर्न में दूसरे टेस्ट मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज करके शानदार वापसी की।

चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘इसमें कोई हैरानी नहीं कि रहाणे ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर शानदार तरीके से भारत की अगुवाई की। जिस किसी ने भी 2017 में धर्मशाला में उन्हें कप्तानी करते हुए देखा होगा वह पहचान गया होगा कि उनका जन्म क्रिकेट टीमों का नेतृत्व करने के लिए हुआ है।’’ धर्मशाला में 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट में भारत ने आठ विकेट से जीत हासिल करके चार मैचों की सीरीज 2-1 से जीती थी। भारत ने तब भी लक्ष्य का पीछा किया था और रहाणे 38 रन बनाकर नाबाद रहे थे।

चैपल ने लिखा, ‘‘एमसीजी में खेले गए मैच और 2017 के मैच में काफी समानताएं हैं। पहला यह उन्हीं दो बेहद प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच खेला गया था, दूसरा रविंद्र जडेजा ने पहली पारी में निचले क्रम में उपयोगी योगदान दिया था और तीसरा रहाणे ने कम लक्ष्य के सामने दबाव वाली परिस्थितियों में आक्रामक बल्लेबाजी करके जरूरी रन जुटाए। रहाणे ने धर्मशाला में तब मेरा ध्यान अपनी तरफ खींचा था जब उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को गेंद सौंपी जबकि तब डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ ने शतकीय साझेदारी कर रखी थी। मुझे लगता है कि यह साहसिक कदम था और यह बेहद अच्छा साबित हुआ।’’

कुलदीप यादव ने जल्द ही वार्नर का विकेट लिया, जिससे आस्ट्रेलियाई पारी लड़खड़ा गई थी। चैपल ने लिखा, ‘‘यह कप्तान के रूप में रहाणे की सफलता का हिस्सा है। वह साहसी और होशियार कप्तान है। हालांकि, इन दो महत्वपूर्ण गुणों के अलावा उनके नेतृत्व में और भी कुछ है। जब चीजें आसानी से हाथ से निकल सकती हैं वह तब भी शांतचित बने रहते हैं। उन्होंने अपने साथियों से सम्मान हासिल किया है जो कि अच्छी कप्तानी का महत्वपूर्ण पहलू होता है। और वह जरूरत के समय रन बनाता है जिससे टीम में उनका सम्मान बढ़ जाता है।’’