सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आपराधिक मानहानि मामले से जुड़ी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार (21 जुलाई) को गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय की 2 जजों की बेंच में से एक जज, जस्टिस बीआर गवई (Justice B R Gavai) ने खुद को इस मामले से अलग करने का प्रस्ताव भी रखा। बेंच के दूसरे जज जस्टिस पीके मिश्रा थे।
जस्टिस गवई ने क्या कहा?
मामले की सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस गवई (Justice BR Gavai) ने कहा कि मेरी तरफ से थोड़ी समस्या है…। मेरे पिता 40 सालों तक कांग्रेस से जुड़े थे। हालांकि वो कांग्रेस के सदस्य नहीं थे, लेकिन कांग्रेस की मदद से ही लोकसभा और विधानसभा में पहुंचे थे। मेरा भाई अभी भी सक्रिय राजनीति में है और कांग्रेस से जुड़ा है। यह बैकग्राउंड है। ऐसे में आप लोग तय करें कि क्या मुझे इस मामले को सुनना चाहिए या नहीं? दोनों पक्ष की रजामंदी के बाद जस्टिस गवई ने मामले को सुना।
कौन थे जस्टिस बीआर गवई के पिता?
जस्टिस बीआर गवई के पिता रामकृष्ण सूर्यभान गवई (Ramkrishna Suryabhan Gavai) 30 अक्टूबर 1929 को महाराष्ट्र के अमरावती में जन्में थे और अपने समर्थकों के बीच ”दादासाहेब” के नाम से मशहूर थे। वह रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के संस्थापक थे। आरएस गवई साल 2006 से 2011 के बीच, जब केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार थी तब बिहार, सिक्किम और केरल के राज्यपाल भी रहे।
अंबेडकर के करीबी थे जस्टिस गवई के पिता
आरएस गवई डॉ. भीमराव अंबेडकर के करीबी थे और नागपुर की दीक्षाभूमि स्मारक समिति के चेयरमैन भी रहे थे। साल 1964 से 1998 के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय थे और खासा दखल था। वह साल 1998 में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के टिकट पर अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की।
जस्टिस गवई के पिता आरएस गवई साल 2009 में केरल का राज्यपाल रहते हुए खासे सुर्खियों में भी रहे।
तब उन्होंने राज्य की कैबिनेट के फैसले को दरकिनार कर करते हुए पिनाराई विजयन के खिलाफ सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी थी। इस मामले पर राज्य में खूब हंगामा हुआ था। बाद में जब मामला कोर्ट पहुंचा तो कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने राज्यपाल के फैसले का समर्थन किया था।
कौन हैं जस्टिस गवई के भाई?
अब बात करते हैं जस्टिस गवई के भाई की। उनका नाम डॉ. राजेंद्र गवई (Dr Rajendra Gavai) है। उन्होंने साल 2009 में रामदास अठावले से हाथ मिलाया था, लेकिन बाद में दोनों नेताओं के रिश्ते बिगड़ गए और अलग हो गए। बाद में लोकसभा चुनाव पहले डॉ. राजेंद्र गवई की अगुवाई वाले धड़े ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया था। जबकि रामदास अठावले की अगुवाई वाला धड़ा बीजेपी गठबंधन में शामिल हो गया था।
दूसरे दलित CJI होंगे जस्टिस गवई
आपको बता दें कि जस्टिस बीआर गवई 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त हुए थे। वह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बनने की कतार में भी हैं और जस्टिस केजी बालाकृष्णन के बाद दूसरे दलित चीफ जस्टिस होंगे। जस्टिस बालाकृष्णन साल 2007 से 2010 के बीच चीफ जस्टिस रहे थे।