बुखार की दवा ‘डोलो’ का नाम तो आपने सुना ही होगा! कोरोना काल में यह दवा इतनी मशहूर हुई कि घर-घर तक पहुंच गई। Dolo 650 जो कंपनी बनाती है उसका नाम है माइक्रो लैब्स (Micro Labs) और इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं दिलीप सुराना (Dilip Surana)। उन्होंने हाल ही में बंगलुरु में 66 करोड़ रुपए का लैविस बंगला खरीदा है, जो शहर के सबसे शानदार बंगलों में शुमार है।

दिलीप सुराना का बंगला 12043 स्क्वायर फीट में फैला है और इसका बिल्टअप एरिया 8373 स्क्वायर फीट है। मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुराना ने यह बंगला जी राजेंद्र कुमार, मनु गौतम और साधना से खरीदा है। इस बंगले के लिए उन्होंने सरकारी ट्रेजरी में 3.36 करोड़ रुपए की स्टैंप ड्यूटी चुकाई।

20 साल किराये के मकान में गुजारे

बहुत कम लोग जानते हैं कि सुराना (Dilip Surana) का परिवार कुछ वक्त पहले तक बेंगलुरु में रेंटेड अपार्टमेंट में रहता था। 20 साल किराए के घर में गुजारे। सुराना के पिता का मानना था कि मकान या किसी और प्रॉपर्टी में पैसा इन्वेस्ट करने की जगह कंपनी में लगाएं और परिवार ने ऐसा ही किया। दिलीप सुराना की माइक्रो लैब्स डायबिटीज से लेकर पेनकिलर जैसी दवाएं बनाती है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का सालाना रेवेन्यू 4000 करोड़ के करीब है।

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दिलीप सुराना के बंगले के अंदर की तस्वीरें।

सालभर में बेची 400 करोड़ की Dolo 650

कोरोना काल के दौरान माइक्रो लैब्स की डोलो 650 (Dolo 650) इतनी मशहूर हुई कि घर-घर तक पहुंच गई। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक कंपनी ने साल 2020 के दौरान सिर्फ डोलो बेचकर 400 करोड़ रुपये कमाए थे। कोरोना से पहले जहां माइक्रो लैब्स डोलो के साढ़े सात करोड़ स्ट्रिप्स बेचती थी, तो महामारी में इस दवा की खपत दोगुनी हो गई। इसका असर रेवेन्यू पर भी दिखा। मार्च 2019 से मार्च 2021 के बीच कंपनी का प्रॉफिट 244 परसेंट बढ़ गया।

कैसे हुई थी Micro Labs की शुरुआत?

माइक्रो लैब्स की स्थापना दिलीप सुराना के पिता जी.सी. सुराना ने की थी। वह साल 1973 में राजस्थान से बेंगलुरु नौकरी की तलाश में पहुंचे थे और अकाउंटेंट थे। कुछ वक्त दिल्ली की एक कंपनी के लिए डिस्ट्रीब्यूटर का काम किया। फिर 5 प्रोडक्ट से माइक्रो लैब्स की नींव रखी थी। साल 1983 में कंपनी में दिलीप सुराना की एंट्री हुई और कंपनी देश के अलग-अलग शहरों में फैक्ट्री डालनी शुरू की।

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दिलीप सुराना के बंगले के अंदर की तस्वीरें।

1993 में लॉन्च की थी बुखार की दवा डोलो

माइक्रो लैब्स ( Micro Labs) करीब एक दर्जन बीमारियों की दवाएं बनाती है। जिसमें आंख से लेकर स्किन, ह्रदय, डायबिटीज, मानसिक रोग की दवाएं शामिल हैं। लेकिन कंपनी का फ्लैगशिप प्रोडक्ट बुखार की दवा डोलो ही है। कंपनी ने साल 1993 में इसे लॉन्च किया था।

कितना है सुराना का नेटवर्थ?

financialexpress.com के मुताबिक दिलीप सुराना के परिवार की कुल नेटवर्थ 26600 करोड़ रुपए है।