अंक‍िता देशकर

आईपीएल 2023 में रविवार (16 अप्रैल) को मुंबई इंडियंस बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स मैच तेंदुलकर परिवार के लिए खास था, जिसमें सचिन के बेटे अर्जुन का आईपीएल डेब्यू था। इस बीच सोशल मीडिया पर भाई-भतीजावाद की बहस छिड़ी हुई है। एक पुराना दावा अब फिर से वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि अर्जुन तेंदुलकर को प्रणव धनवाड़े को नजरंदाज कर चुना गया था, जो अधिक योग्य थे। U-16 टीम में अर्जुन के चयन के बाद सोशल मीडिया पर इस दावे को साझा किया जा रहा था।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक और ट्विटर पर हमें ऐसे पोस्‍ट्स म‍िले:

फेसबुक पर क्या मिला?

पड़ताल:

हमने प्रणव धनवाड़े और अर्जुन तेंदुलकर के चयन से जुड़े तमाम समाचार की जांच के लिए गूगल कीवर्ड सर्च के साथ अपनी पड़ताल शुरू की। इंडियन एक्सप्रेस ने प्रणव के बारे में एक रिपोर्ट की थी, जिसका शीर्षक था, “Untold story of Pranav Dhanawade’s 1000 runs record: 25 chances, 10-year-old ‘pacers’, 30-yard boundaries”, जो 31 मई 2016 को प्रकाशित की गयी थी।

समाचार के मुताबिक, “लेकिन उनकी गेंदबाजी के आंकड़ों की उतनी ही चर्चा होगी, जितनी 323 गेंदों पर धनवाडे के 1009 रन की, जिसने क्रिकेट की कल्पना को नए क्षितिज तक पहुंचा दिया। हालांकि प्रतिद्वंदता की कमी, कुल 25 मौके- 22 कैच और तीन मीसिंग स्टंपिंग जैसे फैक्टर्स को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता है, जो 15 वर्षीय क्रिकेटर की पारी में हुआ।”

सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी ने भी साल 2016 में प्रणव को 1009 रनों की पारी के लिए बधाई दी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक: मुंबई की अंडर-16 टीम का चयन प्रणव के इस रिकॉर्ड से पहले हुआ था। उन्होंने कुछ मैच भी खेले थे। चूंकि प्रणव मुंबई की अंडर-16 टीम में नहीं थे, इसलिए वह वेस्ट जोन की टीम का हिस्सा नहीं हो सकते, जो प्रक्रिया है। प्रणव के पिता प्रशांत धनावडे ने फ़र्स्टपोस्ट को यह बताया था।

हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया में भी एक रिपोर्ट मिली, जिसका शीर्षक था, ‘Pranav Dhanawade to pursue English dreams’ इसे अप्रैल 9, 2022 को प्रकाशित किया गया था।

इस रिपोर्ट में, प्रणव ने उल्लेख किया था कि उसे मैनचेस्टर के पास चेशायर में नॉर्थविच क्रिकेट क्लब से खेलने का अनुबंध मिला है।

हमें लोकसत्ता के फेसबुक पेज पर एक वीडियो मिला, जो कि प्रणव के इंटरव्यू का था। इस इंटरव्यू में प्रणव ने खुद वायरल दावा ख़ारिज कर उसे गलत बताया है। प्रणव ने कहा, “वायरल पोस्ट फर्जी है। मेरे और अर्जुन के बीच कोई तुलना नहीं है। अर्जुन का चयन वेस्ट जोन की टीम में हुआ था। उन्होंने सबसे पहले मुंबई के लिए अंडर-16 खेला और उसी के आधार पर उन्हें वेस्ट जोन की टीम के लिए चुना गया। तब तक मैंने अंडर-16 नहीं खेला था। मैं क्राइटेरिया में नहीं बैठ रहा था। लोगों को केवल अफवाह फैलाने का कारण चाहिए और कुछ नहीं। मैंने तब भी सोशल मीडिया पर यही स्पष्ट किया था। अर्जुन, वास्तव में मेरा अच्छा दोस्त है”

8 जनवरी, 2022 को प्रकाशित इस इंटरव्यू को आप लोकसत्ता के फेसबुक पेज पर देख सकते है।

इस मुद्दे पर अधिक जानकारी के लिए हमने विजय लोकपल्ली से बात की, जो एक प्रसिद्ध खेल पत्रकार और लेखक हैं। उन्होंने भारत में क्रिकेट से संबंधित पांच पुस्तकें लिखी हैं। उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल हास्यास्पद दावा है। उनकी पारी स्कूली बच्चों के एक ग्रुप के खिलाफ आई थी। प्रणव को मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा एक अच्छी छात्रवृत्ति प्रदान की गई थी। एक सेलिब्रिटी के बेटे को निशाना बनाना अनुचित है। वहां अर्जुन और प्रणव के बीच कोई तुलना नहीं है और मेरी 40 साल की क्रिकेट पत्रकारिता में मैंने जाति के आधार पर भेदभाव का एक भी मामला नहीं देखा है।”

निष्कर्ष: भाई-भतीजावाद के कारण सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर के चयन का दावा करने वाले वायरल पोस्ट झूठे हैं