Slum Voters Delhi Assembly Polls 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल पूरी तरह गर्म है। दिल्ली की राजनीति में तमाम अन्य तबकों की तरह झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले मतदाताओं का भी वोट निर्णायक और महत्वपूर्ण माना जाता है। दिल्ली में 675 झुग्गियां और 1700 झुग्गी-झोपड़ियां हैं, जिन्हें जेजे क्लस्टर या अनाधिकृत कालोनियां भी कहा जाता है।

इनमें लगभग तीन लाख परिवार रहते हैं और यह दिल्ली के कुल मतदाताओं का 10% है। इससे समझा जा सकता है कि ये मतदाता दिल्ली की राजनीति में कितने अहम हैं।

आप-बीजेपी-कांग्रेस में चल रही लड़ाई

बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ही राजनीतिक दलों के बीच झुग्गी-झोपड़ियों के मतदाताओं को अपने साथ लाने के लिए जबरदस्त लड़ाई चल रही है।

झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले मतदाताओं को आम आदमी पार्टी का समर्थक माना जाता है और पार्टी इन्हें फिर से अपने साथ रखने की कोशिश कर रही है। जबकि बीजेपी उसके इस वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है। इसके अलावा कांग्रेस भी इन मतदाताओं के बीच अपना समर्थन फिर से हासिल करना चाहती है क्योंकि पिछले 10 सालों में झुग्गी-झोपड़ियों के मतदाता कांग्रेस से छिटककर आम आदमी पार्टी के साथ चले गए हैं।

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बीजेपी में जल्द चुना जाना है नया अध्यक्ष। (Source-ANI)

आम आदमी पार्टी ने तुगलकाबाद, सुंदर नगरी, ओखला और अन्य जगहों पर साल 2023 में हुए G-20 शिखर सम्मेलन से पहले झुग्गियां तोड़े जाने को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है। जबकि बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद “झुग्गी विस्तारक योजना” योजना को लॉन्च किया था।

कांग्रेस ने सीलमपुर को चुना

कांग्रेस भी झुग्गियों में रहने वाले मतदाताओं के बीच जाकर डोर टू डोर सर्वे कर रही है। राहुल गांधी सीलमपुर में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत उस जगह से कर रहे हैं, जहां झुग्गियां और अनाधिकृत कालोनियां हैं। इसी के तहत पार्टी ने दलित नेताओं वीर सिंह धींगन और राजेंद्र पाल गौतम को कांग्रेस में शामिल किया है।

केजरीवाल बोले…नहीं लड़ूंगा चुनाव

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने तो यहां तक चुनौती दी है कि अगर गृहमंत्री अमित शाह झुग्गी में रहने वालों को घर देने और उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने के एफिडेविट पर दस्तखत कर देते हैं तो वह वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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दिल्ली में बिना CM चेहरे के चुनाव लड़ रही BJP। (Source-PTI)

दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले कुल 67 हजार परिवार हैं जबकि पश्चिमी दिल्ली में इनकी संख्या 22 हजार है। दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आते हैं और अलग-अलग जाति समुदायों के हैं। इन लोगों को आम आदमी पार्टी की सरकार के द्वारा चलाई गई मुफ्त बिजली और मोहल्ला क्लीनिक जैसी योजनाओं का फायदा मिल रहा है।

‘जहां झुग्गी-वहां मकान’ के जरिये पहुंचने की कोशिश

पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में बार-बार झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों का जिक्र किया। इस महीने की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जहां झुग्गी-वहां मकान’ के जरिए बीजेपी के प्रचार अभियान की शुरुआत की थी जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी हाल ही में एक अनधिकृत कॉलोनी में जनसभा को संबोधित किया।

बीजेपी की ओर से झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले मतदाताओं तक संपर्क बढ़ाने के लिए नेताओं, कार्यकर्ताओं और विस्तारकों को तैनात किया गया है। यह सभी लोग बूथ लेवल पर जाकर झुग्गी में रहने वालों से बात कर रहे हैं।

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दिल्ली चुनाव में किस ओर जाएंगे मुस्लिम-दलित मतदाता। (Source-PTI)

4 से 5 लाख वोटों पर है नजर

दिल्ली में बीजेपी के झुग्गी विस्तारक अभियान के प्रभारी और पार्टी के प्रदेश महासचिव विष्णु मित्तल द इंडियन एक्सप्रेस को बातचीत में बताते हैं कि दिल्ली की झुग्गियों में लगभग 15 लाख मतदाता हैं और इनमें से 9 से 10 लाख लोग अपना वोट डालते हैं। मित्तल के मुताबिक, इसमें से भी 7 लाख लोग आम आदमी पार्टी को वोट देते हैं जबकि दो लाख वोट बीजेपी को मिलते हैं और बाकी बचे हुए वोट कांग्रेस और अन्य दलों के पास चले जाते हैं।

मित्तल बताते हैं कि अगर हम 4 से 5 लाख वोट अपने पक्ष में हासिल कर लेते हैं तो यह गेम चेंजर साबित हो सकता है। मित्तल ने बताया कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का पता नहीं है और हम उन्हें इस बारे में बता रहे हैं।

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दलित चेतना और प्रतिरोध का प्रतीक बना नीला रंग। (Photos: Bhupendra Rana/Express; @RahulGandhi)

मित्तल ने कहा कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग मुफ्त की सुविधाओं के कारण आम आदमी पार्टी को वोट देते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही लोगों को इसका फायदा मिल रहा है।

बीजेपी के एक नेता ने स्वीकार किया कि पार्टी झुग्गियों में रहने वाले मतदाताओं से अब तक जुड़ने में कामयाब नहीं हो पाई है हालांकि पार्टी के नेता उनके बीच जा रहे हैं और उनकी मुश्किलों को समझ रहे हैं। पार्टी नेता इस बात को स्वीकार करते हैं कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले मतदाताओं का एक बड़ा तबका अभी भी आम आदमी पार्टी का समर्थन करता है हालांकि वह दावा करते हैं कि अगर झुग्गी-झोपड़ी के मतदाताओं का 10% वोट भी शिफ्ट होता है तो इससे बीजेपी को बड़ा फायदा होगा।

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