लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या राजनीतिक चर्चा का केंद्र तो बन गया है, लेकिन बात कमाई, पढ़ाई और स्वास्थ्य पर नहीं बल्कि 22 जनवरी को होने वाले मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के ईद-गिर्द हो रही है। भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में विकास की गंगा बह रही है। यह दावा अयोध्या को एक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किए जाने के क्रम में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के संदर्भ में किया जा रहा है।

बीते 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या से 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था। बताया गया था कि 15,700 करोड़ में से 11,100 करोड़ अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं के लिए है। विकास परियोजनाओं के लिए अयोध्यावासियों को बधाई देते हुए पीएम ने कहा था कि ये परियोजनाएं अयोध्या को देश के नक्‍शे पर फिर से गौरव के साथ स्थापित करेंगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या नगरी के विकास के महत्व का समझाते हुए कहा था, “अवध क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे यूपी के विकास को ये हमारी अयोध्या दिशा देने वाली है।” पीएम ने भव्य राम मंदिर बनने के बाद तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की अनुमानित वृद्धि की ओर इशारा करते हुए कहा था कि मांग को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण किया जा रहा है।

इन दावों का सच तो बाद में पता चलेगा, लेक‍िन अभी जो आंकड़े हैं, वो बताते हैं कि अयोध्या के लोगों की आय यूपी की औसत प्रति व्यक्ति आय से कम है, जिले की आधी महिलाएं एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित हैं, प्रति व्यक्ति बिजली खपत राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है।

उत्तर प्रदेश के केंद्र में स्थित अयोध्या कई जिलों से घिरा है, जैसे- गोंडा, बाराबंकी, बस्ती, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर और अमेठी। इतिहास और परंपरा के लिहाज से तो अयोध्या समृद्ध है लेकिन सामाजिक-आर्थिक मोर्चे पर इसकी कमजोर छवि उभरती है।

द इंडियन एक्सप्रेस के हरिकिशन शर्मा ने अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय के डेटा के आधार पर अयोध्या का विश्लेषण किया है। आइए जानते हैं आंकड़ों की जुबानी अयोध्या की कहानी:

कमाई के मामले में पिछड़ा जिला है अयोध्या

अयोध्यावासियों की कमाई राष्ट्रीय औसत से तो कम है ही, उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों के लोग भी इनसे ज्यादा कमाते हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में अयोध्या जिले का प्रति व्यक्ति आय 56,787 रुपये था यानी अयोध्या के लोग एक साल में 56 हजार रुपये से ज्यादा कमाते है। अब पूरे राज्य की बात करें तो उत्तर प्रदेश का प्रति व्यक्ति आय 70,792 रुपये है। वहीं राष्ट्रीय औसत 92,583 रुपये है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में अयोध्या यूपी के 75 जिलों में 48वें स्थान पर है।

राज्य की अर्थव्यवस्था में अयोध्या का योगदान- 0.94%

वित्त वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश की GSDP (Gross State Domestic Product) 11.81 लाख करोड़ रुपये थी। राज्य की कुल सकल राज्य घरेलू उत्पाद में अयोध्या का योगदान 0.94% था। ये हालत तब थी जब 2021-22 में अयोध्या के जिला घरेलू उत्पाद (District Domestic Product) में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2.42% की वृद्धि दर्ज की गई थी।

अयोध्या का क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्‍यो (ऋण-जमा अनुपात या सीडीआर) 23.73 है। यह उत्तर प्रदेश के क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो (40.84) से बहुत कम है। क्रेडिट डिपॉजिट आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। सीडीआर बैंकों द्वारा जमा पूंजी और द‍िए गए कर्ज का अनुपात है। कम अनुपात आर्थिक विकास के निम्न स्तर को बताता है।

अयोध्या की आधी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित

2019-21 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार अयोध्या जिले में 15 से 49 वर्ष की आयु की लगभग आधी महिलाएं (52.3%) एनीमिया से पीड़ित थीं। हालांकि, 2015-16 की तुलना में गिरावट आई है। तब 60.7% महिलाओं में एनीमिया से पीड़ित थीं। पूरे यूपी में 2019 से 2021 के बीच 15-49 आयु वर्ग की 50.4% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं, जबकि राष्ट्रीय औसत 57% था।

अयोध्या में 6-59 महीने के बच्चों में एनीमिया का प्रसार और भी अधिक है। एनएफएचएस-5 के अनुसार, 2019-21 के दौरान 57.7% बच्चे एनीमिया से पीड़ित थे, जबकि पूरे यूपी में यह आंकड़ा 66.4% और पूरे भारत में 67.1% था।

हालांकि हाल के वर्षों में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पायी जाने वाली एनीमिया में कमी आई है। 2015-16 में 6-59 महीने की उम्र के 63.2% बच्चे एनीमिया से पीड़ित थे।

अयोध्या के लोगों में बिजली के इस्तेमाल की क्षमता कम

अयोध्या में प्रति व्यक्ति बिजली खपत (kWh) पहले की तुलना में बढ़ी है। हालांकि अब भी आंकड़ा बहुत कम है। 2011-12 में जिले में प्रति व्यक्ति बिजली खपत 147.49 kWh थी। 2020-21 में यह बढ़कर 251.15 kWh हो गई। हालांकि यह अभी भी राज्य के औसत और राष्ट्रीय औसत से कम है। 2021-22 में उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति बिजली खपत 390.93 kWh और राष्ट्रीय औसत 1,255 थी।

2020-21 में कुल बिजली खपत में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 23.93% थी, जो एक दशक पहले 2011-12 में 30.38% से कम है।

अयोध्या में किसकी कितनी संख्या?

क्षेत्रफल की दृष्टि से अयोध्या जिला दिल्ली से भी बड़ा है। अयोध्या 2,522 वर्ग किमी में फैला हुआ है। जबकि दिल्ली का क्षेत्रफल मात्र 1,483 वर्ग किमी है। 2011 की जनगणना के अनुसार, अयोध्या की जनसंख्या 25 लाख से कम थी। यूपी की कुल आबादी का 1.24% हिस्सा अयोध्या में रहता है। जिले में अनुसूचित जातियां 22.46% हैं, पूरे यूपी में यह आंकड़ा 20.70% है।

धर्म की बात करें तो अयोध्या में 84.75% हिंदू, 14.8% मुस्लिम, 0.13% ईसाई और 0.08% सिख हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, जिले की शहरी आबादी इसकी कुल आबादी का केवल एक छोटा सा हिस्सा (13.77%) है। इसकी तुलना में, यूपी के 22.27% और भारत के 31.16% शहरी हैं।