एशिया में श्रीलंका के बाद पाकिस्तान की आर्थिक हालत भी बिगड़ती जा रही है। कर्ज और राजनीतिक अस्थिरता के कारण पहले से डांवाडोल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भीषण बाढ़ ने और गर्त में पहुंचा दिया है। ADB (Asian Development Bank) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि आने वाले वित्त वर्ष में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की रफ्तार 3.5 प्रतिशत तक धीमी हो सकती है। मुद्रास्फीति (Inflation) 18 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।
डॉलर के मुकाबले गिरा पाकिस्तानी रुपया
आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना कर रही पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में रुपये की कीमत लगातार गिर रही है। बुधवार को पाकिस्तानी रुपया लुढकते हुए 240 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इसे अब तक का सबसे निचला स्तर बताया है। 1 अगस्त 2022 को रुपया प्रति डॉलर 214.60 रुपये पर था। पिछले 14 वर्किंग डे में यह करीब 12 प्रतिशत तक गिर चुका है। 28 जुलाई को जब प्रति डॉलर के मुकाबले रुपया 239.94 रुपया पहुंचा था, तो उसे सबसे निचला स्तर बताया गया था।
पेट्रोल 237 रुपए प्रति लीटर
महंगाई से प्रभावित पाकिस्तानी नागरिकों को एक और झटका देते हुए शहबाज शरीफ सरकार ने बुधवार को पेट्रोल की कीमत में 1.45 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इस तरह अब पेट्रोल ₹235.98 प्रति लीटर से बढ़कर ₹237.43 प्रति लीटर हो गया है। सरकार का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण हुआ है।
पाकिस्तान में पेट्रोलियम उत्पादों की ताजा कीमत:
पेट्रोल | ₹237.43/लीटर |
डीजल | ₹247.43/लीटर |
केरोसिन | ₹202.02/लीटर |
लाइट डीजल ऑयल | ₹197.28/लीटर |
पाकिस्तान पर कुल कर्ज
16 अगस्त 2022 को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पर प्रकाशित एक रपट के मुताबिक, पाकिस्तान पर कुल कर्ज और देनदारी 59.7 ट्रिलियन रुपया (पाकिस्तानी रुपया) है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.9 ट्रिलियन रुपया यानी 25 प्रतिशत अधिक है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में सार्वजनिक ऋण 9.3 ट्रिलियन रुपया था, जो जून 2022 के अंत तक बढ़कर 49.2 ट्रिलियन रुपया हो गया। सार्वजनिक ऋण में वृद्धि के लिए प्रत्यक्ष रूप से सरकार को जिम्मेदार माना जाता है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने कार्यकाल के अंत में GPD (Gross Public Debt) को 20 ट्रिलियन तक कम करने का वादा किया था। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने 15 अगस्त को वित्त वर्ष 2021-22 का ऋण बुलेटिन जारी किया था, जिसके मुताबिक, पाकिस्तान तेजी से भारी कर्ज के बोझ से दब रहा है।