बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप के समर्थन में अब शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप आ गए हैं। उन्होंने मनीष कश्यप का केस खुद लड़ने और 30 दिन में उन्हें जेल से बाहर निकालने की घोषणा की है। स्वामी ने कश्यप को हिंदूवादी यूट्यूबर और बिहार व तमिलनाडु की सरकार को हिंदू विरोधी मानते हैं।
’30 दिन में जेल से बाहर निकालूंगा’
मनीष कश्यप के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा है कि तमिलनाडु का मुकदमा वह खुद लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया है कि वह तीस दिन के भीतर मनीष कश्यप को जेल से बाहर निकल लेंगे।
उन्होंने कहा है, “मनीष कश्यप के साथ मैं और मेरा ट्रस्ट तन, मन और धन से खड़ा है। मैं अपने भक्तों से भी आह्वान करूंगा कि वो खुलकर मनीष कश्यप का साथ दें। यह आवाज दबनी नहीं चाहिए।”
8 मई को सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने की बात पर स्वामी कहते हैं कि कानूनी प्रक्रिया तो कानूनी प्रक्रिया ही होती है। सत्ता का कोई व्यक्ति न्यायपालिका से बड़ा नहीं होता। अभी जो सुप्रीम कोर्ट में हुआ, वह भी एक न्यायिक प्रक्रिया है। चूंकि उनको नीचे से आना चाहिए था लेकिन वह सीधे ऊपर चले गए, इसलिए जज ने हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। अब हमलोग हाई कोर्ट में मुकदमा लड़ेंगे।
‘भाजपा को लाभ हो उससे पहले दबा दिया गया’
स्वामी आनंद स्वरूप का मानना है कि मनीष कश्यप पर कार्रवाई उनकी आस्था की वजह से हुआ है, तिलक लगाने और शिखा रखने की वजह से हुआ। कश्यप को हिंदूवादी यूट्यूबर बताते हुए स्वामी कहते हैं, “वह लगातार हिंदुत्व की आवाज बुलंद कर रहे थे। जब लगने लगा की कहीं मनीष कश्यप से भाजपा को लाभ ना हो जाए, उससे पहले ही उन्हें दबा दिया गया।”
मनीष कश्यप से कभी नहीं मिले हैं स्वामी
इंटरव्यू में स्वामी आनंद स्वरूप खुद इस बात को स्वीकार करते हैं कि वह मनीष कश्यप को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते। सोशल मीडिया के माध्यम से ही उनको और उनके काम का जानते हैं। बावजूद इसके स्वामी खुद को मनीष कश्यप का अंध भक्त बताते हैं।
स्वामी का मानना है कि यूट्यूब की क्रांति में मनीष कश्यप का बहुत बड़ा योगदान है। वह कहते हैं, “रवीश कुमार और अजीत अंजुम जैसे एंटी हिंदू पत्रकार मनीष कश्यप से सीखकर यूट्यूब पर आए हैं।”
कौन हैं स्वामी आनंद स्वरूप?
स्वामी आनंद स्वरूप एक हिंदूवादी नेता और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष हैं। स्वामी आनंद स्वरूप भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों के खिलाफ हेट स्पीच देने के लिए चर्चा में रह चुके हैं। स्वामी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के पक्षधर हैं। उन्होंने हिंदू राष्ट्र के कथित संविधान का मसौदा भी तैयार किया था, जिसमें मुसलमानों और ईसाइयों को वोटिंग का अधिकार नहीं देने समेत कई नियम लिखे थे।
स्वरूप मुसलमानों पर ‘भूमि जिहाद’ का आरोप लगाते हुए एक अभियान का नेतृत्व कर चुके हैं। अक्टूबर 2021 में उन्होंने मांग की थी कि गैर हिंदुओं के उत्तराखंड राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए।
जनवरी 2021 में आनंद स्वरूप ने मेरठ (उत्तर प्रदेश) में भाषण देते हुए कहा था कि अगर मुसलमान भारत में रहना चाहते हैं तो उन्हें “कुरान और नमाज पढ़ना बंद कर देना चाहिए।”
मनीष कश्यप केस में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
8 मई को सुप्रीम कोर्ट में मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई हुई थी। कश्यप ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) मामले में राहत पाने और विभिन्न FIR को क्लब कर बिहार स्थानांतरित करने की मांग की थी। लेकिन बिहार के मजदूरों की तमिलनाडु में पिटाई का फेक वीडियो शेयर करने के आरोपी कश्यप को उच्चतम न्यायालय ने राहत देने से इनकार कर दिया।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “तमिलनाडु एक शांत राज्य है। आप अशांति फैलाने के लिए कुछ भी प्रसारित कर रहे हैं…हम इस पर विचार नहीं कर सकते।” कोर्ट ने कश्यप को हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी। बता दें कि मनीष कश्यप ने 18 मार्च को बेतिया के जगदीशपुर ओपी में सरेंडर किया था।