NCP Political Crisis: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) से बगावत करते हुए अजित पवार (Ajit Pawar) कई विधायकों को साथ लेकर शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। उन्होंने 2 जुलाई को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र की राजनीति में हुई इस हलचल के बाद अजित पवार चर्चा में हैं।

कौन हैं अजित पवार?

अजित पवार, शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं। साल 1982 में अजित एक चीनी सहकारी समिति के बोर्ड में चुने गए थे। यह राजनीति में उनका पहला कदम था। साल 1991 में अजित पुणे जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष बने, इस पद पर वह अगले 16 वर्षों तक रहे।

1991 में वह बारामती से लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए। हालांकि बाद में उन्होंने शरद पवार के लिए सीट खाली कर दी। तब शरद पवार पीवी नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्री बने थे। बाद में अजित बारामती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान सभा (एमएलए) के सदस्य बन गए। वह लगातार 1995, 1999, 2004, 2009,  2014 में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। 2019 में वह  1,65,265 वोटों के अंतर से जीते।

कितनी संपत्ति के मालिक हैं अजित पवार?

साल 2019 में बारामती से चुनाव लड़ने के लिए दाखिल किए एफिडेविट के मुताबिक, अजित पवार और उनके परिवार के पास 23 करोड़ से ज्यादा की चल संपत्ति है। अजित पवार के नाम से दो ट्रैक्टर, चार ट्रॉली और तीन कार (Honda Aquard, Honda CRV, Toyota Camry) है। पवार के पास 13 लाख 90 हजार से ज्यादा की ज्वैलरी है।

पत्नी सुनेत्रा पवार के पास अजित से ज्यादा कैश और ज्वैलरी है। एफिडेविट में अजित पवार ने अपने पास एक लाख रुपये ज्यादा कैश और पत्नी के पास चार लाख से ज्यादा नकद घोषित किया था। सुनेत्रा पवार के पास 61 लाख 56 हजार से ज्यादा की ज्वैलरी भी है। इसके अलावा वह एक ट्रैक्टर, एक ट्रॉली और एक कार (Innova) की मालकिन हैं।

जहां तक अचल संपत्ति की बात है। एफिडेविट के मुताबिक, अजित पवार और उनकी पत्नी के पास 51 करोड़ 75 लाख से अधिक की अचल संपत्ति है। अजित पवार चार रेसिडेंशियल बिल्डिंग के मालिक हैं। पत्नी सुनेत्रा पवार तीन रेसिडेंशियल बिल्डिंग की मालकिन हैं। परिवार के एक अन्य सदस्य के पास भी एक आवासीय इमारत है।

इसके अलावा अजित पवार 10 करोड़ की एक कमर्शियल बिल्डिंग (Commercial Buildings) के भी मालिक हैं। अजित पवार और उनकी पत्नी के नाम पर 29 नॉन एग्रीकल्चर लैंड रजिस्टर हैं। वहीं खेती लायक जमीन की संख्या 6 है। अजित और उनकी पत्नी पर तीन करोड़ से अधिक का लोन भी है।

कभी उत्तराधिकारी होने का देखा था सपना

1999 में शरद पवार के कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाने के बाद अजित पवार ने उनका उत्तराधिकारी होने का सपना देखा था। हालांकि यह सपना अब टूट चुका है। नौ वर्षों से अधिक समय तक कनिष्ठ मंत्री के रूप में कार्य करने के बाद, अजीत को 1999 में 40 वर्ष की आयु में महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया था।

उन्होंने सिंचाई, ग्रामीण विकास, जल संसाधन और वित्त जैसे कुछ भारी मंत्रालयों का कार्यभार संभाला है, जिससे उन्हें पश्चिम महाराष्ट्र के अपने क्षेत्र सहित पूरे राज्य में अपना प्रभाव फैलाने में मदद मिली।

2019 में चाचा और भतीजे के बीच समस्याएं पैदा हो गईं क्योंकि अजीत ने मांग की कि उनके बेटे पार्थ को मावल निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा जाए। ऐसा कहा गया था कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने पार्थ के लिए मावल से चुनाव लड़ने का रास्ता बनाने के लिए माढ़ा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी योजना छोड़ दी थी। मावल को एनसीपी का गढ़ माना जाता था, लेकिन पार्थ चुनाव हार गए, जिसे परिवार के दबदबे के लिए एक बड़ा झटका माना गया।