लोकसभा चुनाव से पहले इन दिनों देश में मछ्ली-मटन और मुगल की राजनीति चर्चा में है। नवरात्रि के दूसरे दिन तेजस्वी यादव के मछली खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने के बाद से घमासान मचा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस वीडियो पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्हें लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने में मजा आता है। इसी मुद्दे पर न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ नवभारत पर एक टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस नेता और एंकर नाविका कुमार के बीच तीखी बहस छिड़ गयी।
बहस के दौरान कांग्रेस नेता सुभ्रांश राय से एंकर नाविका कुमार ने सवाल किया, “जब राहुल गांधी कहते हैं की चंपारण मटन बन रहा है वह एक बात, दूसरी तरफ वो कहते हैं गरीबी हट जाएगी खटाखट पैसे आने लगेंगे। अरे भैया, साठ साल का तो आपका भी सफर रह चुका है। आप इस देश पर राज कर चुके हैं। आपकी दादी ने कहा था गरीबी हटाओ तो अब तक गरीबी हटी क्यों नहीं? और आज आप क्या गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं। वह गरीब जो मजदूरी कर कर के दो वक्त की रोटी कमाते हैं। यह खटाखट बता कर क्या आप उनको चिढ़ा रहे हैं, उनकी बेइज्जती कर रहे हैं?” देखें तेजस्वी यादव का वीडियो, जिस पर मचा है बवाल-
‘नरेंद्र मोदी का ज्ञान थोड़ा कम है’
इसके जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा, “नरेंद्र मोदी का ज्ञान थोड़ा कम है खाने-पीने के मामलों को लेकर। उत्तर प्रदेश, खासकर पूर्वांचल और जिस सावन के महीने की बात हो रही है उसी सावन के महीने में पूर्णिमा के दिन दिन काली माता को प्रसाद चढ़ाया जाता है। आज भी बलि की प्रथा है। पर नरेंद्र मोदी के व्हाट्सएप ने और उनके आईटी सेल ने इस बारे में जानकारी नहीं दी।”
सुभ्रांश राय ने आगे कहा, “मां जानकी का घर जहां वह पैदा हुईं मिथिलांचल में किसी भी शुभ कार्यक्रम को तब तक पूर्ण नहीं माना जाता है जब तक कि मछली का प्रसाद न लग जाए। यह बिहार का हाल है। बंगाल में भी दुर्गा पूजा होती है जिसमें हम लोग यूपी, बिहार, दिल्ली में कलश रखा जाता है। मां दुर्गा की पूजा होती है, मां दुर्गा की पूजा का आधार जो है वह मछली के इर्द-गिर्द घूमता है। शास्त्रों में कहा गया है कि मछली को जो बनाने की विधि है वह सबसे शुद्ध होती है। कई बार उसका तर्पण होता है हल्दी से, कभी राख से, कभी पानी से।”
अब मैं आपकी डांट सुनूंगी यहां बैठ कर- एंकर
इस बीच एंकर के टोकने पर कांग्रेस नेता ने कहा, “प्लीज एक मिनट, पहले बात पूरी होने दीजिए, गंभीरता से बात होने दीजिए। पहले आप पूरी बात सुनिए।” इस पर भड़कते हुए एंकर नाविका ने कहा, “अब आप मुझे डाटेंगे, अब मैं आपकी डांट सुनूंगी यहां बैठ कर, आप डांटेंगे और मैं डर जाऊंगी, आप मुझे धमकी देंगे तो मैं डर जाऊंगी।”
जिस पर कांग्रेस नेता ने हाथ जोड़ते हुए कहा। “अरे मैं विनती कर रहा हूं, हम तो गरीब हैं आपके सामने। मैडम, याचन-याचन।” जिस पर एंकर ने कहा, “मैं आपको तीन मिनट दे चुकी हूं, मैं सबको समय दे रही हूं। और आपने जो कहा मैं सिर्फ इतना का रही हूं सुभ्रांश राय जी कि आपके घर में बनता होगा, अच्छी बात है पर हर किसी के घर में नहीं बनता ये भी सही बात है। इसीलिए तो कहा है भारत विविधता का देश है। आप अपने घर में जो मर्जी खाएं लोग अपने घर में जो मर्जी खाएं लेकिन चिढ़ाना क्यों है उनको जो नहीं खाते, जो मानते हैं आप वीडियो डाल कर चिढ़ाएंगे, आप पॉलिटिक्स करेंगे तो क्या ये सही है?
तेजस्वी यादव ने वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिस पर बवाल मच गया। पढ़ें पूरी खबर-

‘बात मानसिकता की है’
एंकर ने आगे कहा, “कौन क्या खा रहा है आप क्या खा रहे हैं किसी ने किसी के घर में झांक कर नहीं देखा ना कोई देखना चाहता है सब इस देश में इस दुनिया में आजकल के दौर में बहुत व्यस्त हैं, किसी के पास समय नहीं है अपने परिवार वालों के साथ समय बिता सके, कोई किसी के घर में झांकने नहीं जा रहा है कि आप क्या खा रहे हैं, कब खा रहे हैं। बात मानसिकता की है कि क्या आप लोगों को चिढ़ा रहे हैं और जब राहुल गांधी कहते हैं की चंपारण मटन बन रहा है एक बात और दूसरी तरफ वो कहते हैं गरीबी हट जाएगी खटखट पैसे आने लगेंगे।”
कांग्रेस नेता सुभ्रांश राय ने कहा, “तू इधर-उधर की बात न कर, ये बता कि तेरी मानसिकता क्या है। पढ़े-लिखे व्यक्ति की मानसिकता सिर्फ इस बात से झलकती है कि वो INDIA को INDI गठबंधन लिखता है। इससे समझ में आता है की या तो उसकी डिग्री नकली है या फिर उसकी मानसिकता संघी सोच वाली है। यह सब के पैकेज में मेंशन है, खैर छोड़िए इन बातों को। यहां गौर करने वाली बात यह है कि सारी चर्चा का केंद्र बिंदु सनातन मुगलिया और नरेंद्र मोदी जी का एक भाषण है जिसमें वो कह रहे हैं कि मुगल जो आए तो सिर्फ यहां के राजाओं को नहीं हराते थे, मंदिरों को तोड़ा करते थे।”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “नरेंद्र मोदी जी की इस बात से मैं सहमत हूं, यही कारण है नरेंद्र मोदी के इंस्पिरेशन का कि नरेंद्र मोदी जब बनारस में अजय राय को चुनाव हराए तो यहीं संतुष्ट नहीं हो गए। मैं पुरी के शंकराचार्य कोट कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने विकास के नाम पर बनारस के मंदिर तोड़े। अब बताइए मुगल सोच किसकी है, नरेंद्र मोदी की या उन मुगलों की जिनका इतिहास 400 साल पुराना है?