Tax on Petrol-Diesel in India: भारत में तेल के दाम फिलहाल आसमान में हैं। पेट्रोल हो या डीजल…इनके रेट ने लोगों का बजट बिगाड़ रखा है। पर सरकारों को इसके जरिए आने वाले टैक्स से मोटी कमाई हुई है। पिछले आठ साल की बात करें तो केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से इस दौरान 18 लाख करोड़ रुपए से अधिक (18,23,315 लाख करोड़ रुपए) हासिल किए, जबकि राज्यों को इतने ही समय में 14 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा (1426048 लाख करोड़ रुपए) की कमाई हुई। आंकड़े बताते हैं कि साल 2015-16 से लगातार हर साल केंद्र की कमाई राज्यों से ज्यादा रही है।
पेट्रोलियम पर कितना टैक्स?: दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना पर समीक्षा बैठक के दौरान तेल के मुद्दे पर भी बात की थी। उन्होंने इस दौरान प.बंगाल और केरल समेत गैर-बीजेपी शासित सूबों से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की अपील की थी। मोदी की इस गुजारिश ने तेल के खेल में उबाल सा ला दिया।
प्रति लीटर पेट्रोल/डीजल पर कितना टैक्स?:
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर पेट्रोलियम पर लगने वाले टैक्स में केन्द्र और राज्यों के हिस्से की तरफ भी सबका ध्यान खींचा, जहां टैक्स के बोझ का पलड़ा केन्द्र सरकार की तरफ झुका हुआ नजर आता है। इससे पहले कि हम टैक्स की इस टक्कर का जिक्र करें, पहले ये समझ लेते हैं कि आपको मिलने वाले पेट्रोल डीजल की बेस कीमत और टैक्स का हिसाब किताब क्या है।
पेट्रोल | डीजल | |
बेस प्राइस | 56.32 | 57.94 |
ढुलाई चार्ज | 0.2 | 0.22 |
एक्साइज़ ड्यूटी | 27.9 | 21.8 |
डीलर कमीशन | 3.86 | 2.59 |
वैट | 17.13 | 14.12 |
अंतिम खुदरा मूल्य | 105.41 | 96.67 |
किसका कितना टैक्स?: तेल पर टैक्स के खेल को और ज्यादा विस्तार से समझने के लिए एक कदम आगे बढ़ते हुए अब यह जान लेते हैं कि केन्द्र और राज्य सरकारें हर साल पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगा कर कितनी कमाई करती हैं:
किसकी कितनी कमाई?:
वित्तीय वर्ष | सेंट्रल एक्साइज | राज्यों का वैट/ बिक्रीकर |
2014-15 | 99068 | 137157 |
2015-16 | 178477 | 142807 |
2016-17 | 242691 | 166414 |
2017-18 | 229716 | 185850 |
2018-19 | 214369 | 201265 |
2019-20 | 223057 | 200493 |
2020-21 | 372970 | 202937 |
2021-22 | 262967 | 189125 |
*कीमतें करोड़ रुपये में
*सोर्स- PPAC
किस राज्य में कितना टैक्स?: अब बात चल ही निकली है तो जरा इस नक्शे के जरिए ये भी समझ लेते हैं कि किस राज्य में पेट्रोल पर कितने फीसदी का टैक्स अदा करना पड़ता है।
पेट्रोल: प्रति 100 रुपए पर टैक्स
लद्दाख- 44.60
जम्मू-कश्मीर-45.90
हिमाचल- 44.40
पंजाब- 44.60
हरियाणा- 45.10
राजस्थान- 50.80
दिल्ली- 45.30
उत्तराखंड- 44.10
उत्तर प्रदेश- 45.20
गुजरात- 44.50
मध्य प्रदेश- 50.60
छत्तीसगढ़- 48.30
बिहार- 50.00
झारखंड- 47.00
पश्चिम बंगाल- 48.70
महाराष्ट्र- 52.50
आंध्र प्रदेश- 52.40
तेलंगाना- 51.60
कर्नाटक- 48.10
तमिलनाडु- 48.90
केरल- 50.20
ओडिशा- 48.90
गोवा-45.80
सिक्किम- 46.00
त्रिपुरा- 45.80
आसाम- 45.40
मेघालय- 42.50
मणिपुर- 47.70
मिजोरम- 43.80
नगालैंड- 46.60
अरुणांचल प्रदेश- 42.90
कौन उठाएगा नुकसान?: जाहिर है कि नवंबर 2021 में पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बावजूद करों में केन्द्र सरकार का हिस्सा राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा है। ऐसे में अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कोरोना काल से पहली की दर पर लाना है तो केन्द्र और राज्य सरकारों को करीब 92 हजार करोड़ के राजस्व हानि के लिए तैयार रहना होगा…अब देखने वाली बात ये होगी कि इस नुकसान के लिए कौन तैयार होता है..केन्द्र या राज्य या दोनों में से कोई नहीं।