Electoral Trust Donors: चुनाव आयोग को विभिन्न चुनावी ट्रस्टों द्वारा प्रस्तुत चंदे की रिपोर्ट से कुछ अहम खुलासे हुए हैं। ये बताते हैं कि निर्माण, रियल इस्टेट, विनिर्माण और बिजली जैसे क्षेत्रों में मौजूद सात बड़े कॉर्पोरेट घरानों ने चुनावी ट्रस्टों के जरिए खूब चंदा दिया है, जबकि साल 2024-2025 मे सबसे ज्यादा चंदा टाटा ग्रुप द्वारा दिया गया है।

टाटा, ओपी जिंदल समूह, एल एंड टी, मेघा इंजीनियरिंग, अशोक लेलैंड, डीएलएफ, महिंद्रा जैसी ने 2024-25 में चुनावी ट्रस्टों द्वारा दिए गए चंदों में आधे से ज्यादा का योगदान दिया है। इन सात कंपनियों ने 2,107 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो ट्रस्टों के कुल कोष का 55 प्रतिशत है। टॉप 3 ट्रस्टों की बात करें तो इसमें प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट और न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं, जिन्होंने कुल चंदे का 98 प्रतिशत फंड दिया है।

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सबसे ज्यादा किसने दिया चंदा?

चुनावी ट्रस्ट राजनीतिक दलों के लिए धन जुटाने के प्रमुख माध्यमों में से एक हैं। फरवरी 2024 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चुनावी बांड योजना को रद्द किए जाने के बाद 2024-25 में ये कंपनियों के लिए राजनीतिक चंदे का पसंदीदा सोर्स बन गया। 2023-24 में केवल पांच ट्रस्टों ने कुल 1,218.36 करोड़ रुपये का चंदा दिया,, जो 2024-25 में नौ ट्रस्टों द्वारा दिए गए 3,811 करोड़ रुपये के चंदे के एक तिहाई से भी कम है।

इन ट्रस्टों में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट सबसे बड़ा था, जिसे 2,668.46 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इसमें से 2,181 करोड़ रुपये भाजपा को मिले, जो कुल राशि का लगभग 82 प्रतिशत है। दान के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि एल एंड टी समूह से जुड़ी रियल एस्टेट कंपनी एलिवेटेड एवेन्यू रियल्टी ने ट्रस्ट को सबसे अधिक 500 करोड़ रुपये का दान दिया।

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टाटा ग्रुप रहा सबसे बड़ा दानदाता

2024-25 में सबसे बड़ा राजनीतिक दानदाता टाटा समूह था जो एक विविध समूह है। इसकी विभिन्न कंपनियों टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और टाटा पावर कंपनी लिमिटेड शामिल हैं। टाटा ग्रुप ने प्रोग्रेसिव चुनावी ट्रस्ट को 915 करोड़ रुपये का दान दिया। इस धनराशि का लगभग 83 प्रतिशत, यानी लगभग 758 करोड़ रुपये, बीजेपी को मिला, जबकि कांग्रेस को 77 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक यानी कुल धनराशि का लगभग 8.5 प्रतिशत प्राप्त हुआ।

मेघा इंजीनियरिंग फिर चर्चा में…

तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना, बीजू जनता दल, भारत राष्ट्र समिति, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जनता दल (यूनाइटेड) और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सहित आठ अन्य दलों को प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 10 करोड़ रुपये मिले है। एक अन्य प्रमुख दानदाता मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड (एमईआईएल) थी, जो एक बड़ी निर्माण कंपनी है। इसने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 175 करोड़ रुपये का दान दिया।

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दिलचस्प बात यह भी है कि मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बांड योजना के तहत दूसरी सबसे बड़ी दानदाता थी। हैदराबाद स्थित इस कंपनी ने योजना के शुभारंभ के बाद से 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2024-25 में कंपनी द्वारा दिए गए 175 करोड़ रुपये के अलावा, इसके प्रबंध निदेशक पी.वी. कृष्णा रेड्डी ने ट्रस्ट को अलग से लगभग 150 करोड़ रुपये का दान दिया। फोर्ब्स के अनुसार, रेड्डी की कुल संपत्ति 2.1 अरब डॉलर है।

चुनावी ट्रस्टों को दान देने वाले अन्य बड़े समूहों में महिंद्रा 160 करोड़ रुपये, ओपी जिंदल 157 करोड़ रुपये, डीएलएफ 100 करोड़ रुपये और अशोक लेलैंड (100 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

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