कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 14 पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि एक सीट भाजपा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार ने जीती थी। राज्य की राजनीति में 2023 के विधानसभा चुनावों में भारी बदलाव आया जब कांग्रेस ने 60% सीट शेयर हासिल किया था। जिसके बाद भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) साथ आ गए। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जद (एस) चुनाव पूर्व गठबंधन में थे। आइये डालते हैं कर्नाटक के बदलते राजनीतिक परिदृश्य पर एक नजर।
इस बार भी कायम रहेगा लोकसभा चुनाव 2009 से चल रहा वोटिंंग पैटर्न?
यह पिछले विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव में दो पार्टियों के सीट शेयर की तुलना से पता चलता है। कर्नाटक में 2008 से ही चलन है, एक विधानसभा चुनाव और एक लोकसभा चुनाव के बीच लगभग एक साल का अंतर होता है। तब से तीन चुनाव में देखा गया है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीट शेयरिंग हमेशा पिछले विधानसभा चुनाव में उसके सीट-शेयर से अधिक रही है। यह प्रवृत्ति 2009 के चुनावों में भी कायम रही। वहीं, कांग्रेस के लिए प्रवृत्ति इसके विपरीत रही है।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस तरह बढ़त मिलने की क्या वजह है? इसका एक कारण आम चुनावों में नरेंद्र मोदी का प्रभाव भी हो सकता है। यह इस कारण भी हो सकता है कि भाजपा की कर्नाटक इकाई का गुटीय विवाद राज्य चुनावों में बहुत बड़े पैमाने पर सामने आया था। उदाहरण के लिए, 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन का सबसे बड़ा कारण उसके दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा का अलग होकर नई पार्टी बनाना था।

क्या JDS के साथ गठबंधन से राज्य में भाजपा को मदद मिलेगी?
सितंबर 2023 में, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के हिस्से के रूप में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इस बार के चुनाव में भाजपा और जद(एस) क्रमश: 25 और 3 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। जद (एस) द्वारा लड़े जा रहे सभी तीन निर्वाचन क्षेत्रों में 26 अप्रैल को मतदान होगा।
कर्नाटक लोकसभा चुनाव में लड़ी गई सीटों पर पार्टीवार सीट शेयर

ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या जेडीएस के साथ गठबंधन से भाजपा को मदद मिलेगी? आंकड़ों को देखा जाये तो ऐसा होगा। अगर 2023 के चुनावों में भाजपा और जेडीएस के वोटों को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या कांग्रेस के लिए 90 और भाजपा+ जद(एस) के लिए 130 हो जाएगी। वहीं, असल परिणाम कांग्रेस के लिए 135, भाजपा और जद(एस) के लिए क्रमशः 66 और 19 सीटें थीं। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि चुनाव से पहले और बाद में गठबंधन का अंकगणित एक जैसा रहेगा। कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन को 2018 विधानसभा चुनाव में 11 और 4 सीटों के बजाय संयुक्त रूप से 21 सीटें मिलतीं। 2019 के चुनावों में, कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन केवल दो सीटें जीतने में कामयाब रहा था।
कर्नाटक लोकसभा चुनाव में लड़ी गई सीटों पर पार्टीवार वोट शेयर

बदलेगा 2023 विधानसभा चुनावों में हुई वोटिंग का यह पैटर्न?
कर्नाटक में 2023 विधानसभा चुनाव में किस समुदाय ने किस पार्टी को कितना वोट दिया, इसका मोटा आंकड़ा (एक्सिस-माय इंडिया के हवाले से) यह है। बीजेपी को फायदे के लिए इस पैटर्न में कम से कम एक बदलाव की जरूरत है। वोक्कालिगा समुदाय ने बीजेपी को कांग्रेस से केवल एक फीसदी ज्यादा वोट दिया था। यह प्रतिशत बढ़ना बीजेपी के फायदे के लिए जरूरी है।
कर्नाटक में भाजपा और जद(एस) को अपना मुख्य समर्थन लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों से मिलता है। पर अपने दम पर यह उन्हें चुनाव नहीं जिता सकता है, खासकर लोकसभा स्तर पर जहां निर्वाचन क्षेत्र बड़े हैं और उनमें विविधता भी हैं।
समुदाय | कांग्रेस (%) | बीजेपी (%) | जेडीएस (%) | अन्य (%) |
एसटी | 44 | 33 | 14 | 9 |
एससी | 60 | 22 | 14 | 4 |
मुस्लिम | 88 | 2 | 8 | 2 |
वोक्कालिगा | 24 | 25 | 46 | 5 |
ओबीसी | 31 | 45 | 15 | 9 |
लिंगायत | 20 | 64 | 10 | 6 |
कर्नाटक लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम
कर्नाटक में 17वीं लोकसभा के लिए दो चरणों में चुनाव हुए थे। इस चुनाव में बीजेपी ने 25 सीटें जीतीं थीं। वहीं, कांग्रेस ने 1 सीट, जद (एस) ने 1 सीट और निर्दलीय (भाजपा समर्थित) ने 1 सीट जीती थी। भाजपा को पिछले चुनाव में 51.38% वोट हासिल हुए थे जोकि 2014 के लोकसभा चुनाव से 8.38% ज्यादा थे। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस को क्रमशः 31.88% और 9.67% वोट मिले थे।
कर्नाटक लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम
कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटों के लिए 2014 का आम चुनाव एक ही चरण में हुआ था। इस चुनाव में बीजेपी ने 17 सीटें जीतीं थीं। वहीं, कांग्रेस ने 9 सीटें और जद (एस) ने 2 सीटें जीतीं थीं। भाजपा को इस चुनाव में 43.0% वोट मिले थे। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस का वोट शेयर क्रमशः 40.80% और 11.0% था।
लोकसभा चुनाव 2009 के परिणाम
2009 के लोकसभा चुनाव की बात की जाये तो बीजेपी ने कर्नाटक में 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस ने 6 सीटें और जद (एस) ने 3 सीटें जीतीं थीं। भाजपा को इस चुनाव में 41.63% वोट हासिल हुए थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस को क्रमशः 37.65% और 13.57% वोट मिले थे।