दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए मुसीबत बने दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेताओं को पिछले कुछ दिनों में जमानत मिली है। लेकिन अभी भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं।

बीते दिन आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन प्रभारी विजय नायर को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। इससे पहले दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल से बाहर आ गए थे। इसके अलावा भारत राष्ट्र समिति की विधायक के. कविता तीसरा बड़ा नाम हैं, जिन्हें पिछले 25 दिनों में इस मामले में जमानत मिली है।

आइए, जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल सहित तमाम कौन बड़े लोग कथित आबकारी मामले में जेल की सलाखों के पीछे हैं और उन पर क्या आरोप हैं?

केजरीवाल पर क्या हैं आरोप

जांच एजेंसियों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत ली थी और इसके बदले में शराब कारोबारियों को कुछ फायदे दिए गए थे। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल ने जो रिश्वत ली थी, उसमें से गोवा में 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवारों को 90-90 लाख रुपए दिए जाने का वादा किया था।

जांच एजेंसी ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और 26 जून को ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 12 जुलाई को उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी लेकिन अभी भी वह सीबीआई के द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे की वजह से न्यायिक हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट में 5 सितंबर को उनके मामले में सुनवाई होनी है।

विनोद चौहान पर हवाला ऑपरेटर होने का आरोप

विनोद चौहान पर आरोप है कि उन्होंने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रचार के दौरान पार्टी को 25.5 करोड़ रुपए का फंड दिया था। यह आरोप ईडी की ओर से लगाया गया है। ईडी ने यह आरोप भी लगाया था कि उनके घर से 1.06 करोड़ रुपए मिले थे और यह पैसा कहां से मिला, चौहान इस बारे में नहीं बता सके थे।

चौहान इस साल मई से ईडी की हिरासत में हैं और राउज एवेन्यू कोर्ट में उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई चल रही है।

अमनदीप ढल, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक

सीबीआई के मुताबिक, अमनदीप ने विजय नायर के साथ साजिश रची और साउथ ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठकें कराने में अहम भूमिका निभाई। अमनदीप पर यह भी आरोप है कि वह रिश्वत लेने में शामिल थे। जून, 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट ने अमनदीप को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

अदालत ने कहा था कि दस्तावेजों से पता चलता है कि अमनदीप ने आबकारी नीति तैयार करने और उसमें हेरफेर करने में अहम भूमिका निभाई थी। अमनदीप को 18 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया गया था। वह पिछले 18 महीने से हिरासत में हैं।

हैदराबाद के कारोबारी हैं अरुण रामचंद्र पिल्लई

अरुण रामचंद्र पिल्लई पर आरोप है कि वह साउथ ग्रुप से जुड़े हैं और उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। ईडी के मुताबिक, पिल्लई के पास शराब बनाने वाली कंपनी इंडो स्प्रिट में 32.5% का शेयर है।

जांच एजेंसी ईडी के मुताबिक, इंडो स्प्रिट ने कथित तौर पर कार्टिलाइजेशन के जरिए 68 करोड़ का जो मुनाफा कमाया था, उसमें से 29 करोड़ रुपए पिल्लई के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। ईडी ने पिल्लई को 6 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने पिल्लई को इस साल जून में जमानत देने से इनकार कर दिया था।

समीर महेंद्रू, मैसर्स इंडो स्प्रिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक

जांच एजेंसी ईडी के मुताबिक, समीर महेंद्रू की इंडो स्प्रिट ग्रुप में 35% भागीदारी है। समीर महेंद्रू के पास एक होलसेल L1 लाइसेंस है और उन्होंने खाओ गली रेस्टोरेंट के नाम से दो रिटेल जोन के लाइसेंस भी हासिल किए हैं और यह उनके ससुर के नाम पर हैं। लेकिन खाओ गली से जुड़े सभी वित्तीय फैसले वह खुद ही लेते थे और कंपनी के बेनिफिशियल ओनर भी थे।

समीर महेंद्रू को ईडी ने सितंबर, 2022 में गिरफ्तार किया था। उन्हें इस साल जनवरी में 43 दिन की जमानत दी गई थी।