टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति साइरस मिस्त्री के परिवार में अब उनकी पत्नी रोहिका छागला और दो बेटे फिरोज मिस्त्री व जहान मिस्त्री हैं। इसके अलावा मां पाट्सी पेरिन डुबास, बड़े भाई शापूर मिस्त्री, दो बहनें- लैला मिस्त्री और अल्लू मिस्त्री हैं। मिस्त्री परिवार का मोहम्मद अली जिन्ना से भी करीबी नाता रहा है।
जिन्ना से कैसा कनेक्शन?
साइरस मिस्त्री की पत्नी रोहिका छागला के पिता इकबाल छागला देश के मशहूर वकील हैं, जबकि उनके दादा एमसी छागला (महोम्मेदाली करीम छागला) देश के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वे पंडित नेहरू के करीबी माने जाते थे। ऑक्सफोर्ड से पढ़े एमसी छागला ने बंबई उच्च न्यायालय में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की और लंबे वक्त तक मोहम्मद अली जिन्ना के जूनियर के तौर पर काम किया। छागला, जिन्ना को अपना आदर्श मानते थे और मुस्लिम लीग भी ज्वाइन कर ली थी।
पाकिस्तान की मांग पर जिन्ना से तोड़ लिया था रिश्ता
हालांकि बाद में जब जिन्ना ने अलग पाकिस्तान की मांग की तो एमसी छागला ने उनसे अपना रिश्ता खत्म कर लिया था। छागला के अलावा तमाम दूसरे लोग भी जिन्ना की इस मांग से हैरान हुए और मुस्लिम लीग को चुनौती देने के लिए मुस्लिम नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। हालांकि यह पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई। दूसरी तरफ, वकालत में अपना लोहा मनवाने के बाद छागला साल 1941 में बंबई उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने और साल 1948 में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। एमसी छागला बंबई के राज्यपाल भी रहे। इसके अलावा अमेरिका और ब्रिटेन में बतौर राजदूत भी काम किया था। बाद में वे शिक्षा और विदेश मंत्री भी बने।
50 देशों में फैला है SP Group का कारोबार
आपको बता दें कि साइरस मिस्त्री का परिवार देश के प्रमुख उद्योग घरानों में से एक है। उनके परदादा पलोनजी मिस्त्री ने साल 1865 में कंपनी की नींव डाली थी। तब नाम दिया था ‘लिटिलवुड पलोनजी एंड कंपनी’ (Littlewood Pallonji & Co), जो अब शापूरजी पलोनजी ग्रुप (SP Group) के नाम से जाना जाता है। कंपनी, इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन से लेकर रियल स्टेट, बायोटेक, शिपिंग और होम अप्लायंसेज जैसे बिजनेस में है और करीब 50 देशों में कारोबार फैला है। इसके अलावा शापूरजी पलोनजी ग्रुप की टाटा ग्रुप में भी 18.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
रतन टाटा से क्यों बिगड़े थे रिश्ते?
साइरस मिस्त्री साल 2012 से 2016 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन भी रहे। रतन टाटा ने खुद उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन बाद में जब रिश्ते बिगड़े तो मामला कोर्ट तक चला गया। साइरस मिस्त्री चाहते थे कि टाटा ग्रुप की देनदारी (कर्ज) को कम करने के लिए कुछ प्रॉपर्टी बेच दी जाएं। उनपर माइनॉरिटी शेयर धारकों के हितों को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगा।
बात तब और बिगड़ गई जब उन्होंने नैनो को बंद करने का सुझाव दे दिया। यह प्रोजेक्ट रतन टाटा के दिल के बेहद करीब था और इससे वे खासे नाराज हुए। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने टाटा के पक्ष में फैसला सुनाया था। आपको बता दें कि कारोबारी रिश्ते के अलावा मिस्त्री और टाटा के बीच पारिवारिक रिश्ता भी है। साइरस की एक बहन की शादी, रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा से हुई है।
साइरस मिस्त्री का 4 सितंबर, 2022 को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। 54 वर्षीय मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे, इसी दौरान उनकी कार हादसे का शिकार हो गई। मिस्त्री परिवार को महज 3 महीने के अंदर दो झटके लगे। 28 जून, 2022 को साइरस के पिता पलोनजी मिस्त्री का निधन हो गया था। उनकी उम्र 93 साल थी। परिवार अभी इस गम से उबरा भी नहीं था कि साइरस मिस्त्री के निधन की खबर आ गई।