पहलवानों और खिलाड़ियों की धरती कहा जाने वाला हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य में इस बार सरकार में बैठी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच जोरदार लड़ाई है। हरियाणा में इस बार के विधानसभा चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी, अग्निवीर, किसानों की नाराजगी के साथ ही महिला पहलवानों के यौन शोषण का मुद्दा भी अहम है।
महिला पहलवानों द्वारा भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगाया गया यौन शोषण के मुद्दे का क्या हरियाणा के विधानसभा चुनाव में असर हो सकता है? हरियाणा में 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं और मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।
जंतर-मंतर पर दिया था धरना
महिला पहलवानों ने जब बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया था तो इसके खिलाफ हरियाणा से बड़ी संख्या में लोग दिल्ली के जंतर-मंतर पर आकर पहलवानों के समर्थन में डट गए थे। विशेषकर जाट बहुल आबादी वाले इलाकों- सोनीपत, रोहतक, झज्जर, हिसार, भिवानी जिले में इस आंदोलन का अच्छा-खासा असर देखने को मिला था। धरने में जुटे तमाम पहलवानों के निशाने पर बृज भूषण शरण सिंह के साथ ही बीजेपी नेतृत्व भी रहा था।
उस दौरान विनेश फोगाट की दिल्ली पुलिस के साथ जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई थी। तब कांग्रेस और महिला पहलवानों के समर्थकों ने कहा था कि विनेश के साथ बीजेपी के इशारे पर बदसलूकी हुई थी। इस बार जब विनेश फाइनल में पहुंचीं थी तो ये तस्वीरें एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं।
इससे पहले हरियाणा में किसान आंदोलन की वजह से भी राजनीतिक माहौल काफी गर्म रहा था क्योंकि इस आंदोलन के दौरान भाजपा के नेताओं को किसानों का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा था।
पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के मामले में मुख्य रूप से जाट समुदाय के लोग बड़ी संख्या में सामने आए थे। किसानों के आंदोलन में भी जाट समुदाय की अच्छी-खासी भागीदारी रही थी।
कांग्रेस ने किया था आंदोलन का समर्थन
जंतर-मंतर पर पहलवानों के आंदोलन का कांग्रेस ने खुलकर समर्थन किया था। पार्टी की हरियाणा इकाई और राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहलवानों का समर्थन करते हुए बृजभूषण शरण सिंह को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद से हटाने और बीजेपी से उन्हें पार्टी से बाहर करने की मांग की थी।
हरियाणा में जब लोकसभा चुनाव का प्रचार चल रहा था, उस दौरान भी यह मुद्दा सोशल मीडिया और जमीन पर सुनाई दिया था। लोकसभा चुनाव के नतीजे से भी साफ दिखाई दिया कि बीजेपी को जाट समुदाय के प्रभाव वाले इलाकों- सोनीपत, रोहतक, हिसार में इसका नुकसान हुआ और इसमें किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के यौन शोषण के मुद्दे का असर माना गया। हरियाणा में बीजेपी की सीटें तो कम हुई ही और वोट शेयर भी गिर गया।
लोकसभा चुनाव के नतीजों और वोट शेयर को देखें तो कांग्रेस को महिला पहलवानों का समर्थन करने का फायदा विधानसभा चुनाव में भी मिल सकता है जबकि भाजपा को इसका नुकसान हो सकता है।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ नुकसान
राजनीतिक दल | विधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट |
कांग्रेस | 15 | 1 | 31 | 0 | 5 |
बीजेपी | 47 | 7 | 40 | 10 | 5 |
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का घटा
राजनीतिक दल | लोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में) | लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में) |
कांग्रेस | 28.51 | 43.67 |
बीजेपी | 58.21 | 46.11 |
हुड्डा ने की थी विनेश को राज्यसभा भेजने की मांग
पिछले दिनों जब विनेश फोगाट 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में नहीं खेल पाई थीं तो पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विनेश फोगाट को राज्यसभा भेजने की मांग की थी। तब भी यह संकेत स्पष्ट रूप से मिल गया था कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में पहलवानों का साथ चाहती है और इससे उसे राजनीतिक फायदा मिल सकता है।
अनजान नहीं है बीजेपी, मोदी ने विनेश को बताया था गौरव
ऐसा नहीं है कि बीजेपी इस बात से अनजान है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में पहलवानों का साथ लेकर राजनीतिक बढ़त हासिल कर सकती है। इसलिए जब विनेश फोगाट फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाई थीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनेश फोगाट की तारीफ की थी और कहा था कि विनेश फोगाट कुश्ती में फाइनल तक पहुंचीं और यह पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। मोदी ने कहा था कि विनेश चैंपियनों में चैंपियन हैं और भारत का गौरव होने के साथ ही प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा हैं।
इसके बाद हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार ने ऐलान किया था कि विनेश फोगाट का पदक विजेता की तरह स्वागत और अभिनंदन किया जाएगा और हरियाणा सरकार ओलंपिक रजत पदक विजेता को जो सम्मान, ईनाम और सुविधाएं देती हैं, वह सभी विनेश फोगाट को दी जाएंगी। सैनी ने भी कहा था कि हमें विनेश पर गर्व है।
शक्ति प्रदर्शन जैसा स्वागत
विनेश फोगाट का दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद अपने गांव बलाली पहुंचने तक जिस तरह स्वागत किया गया, वह निश्चित रूप से एक शक्ति प्रदर्शन की तरह रहा और इसमें भी जब दीपेंद्र हुड्डा विनेश फोगाट के साथ दिखाई दिए तो इससे यह मैसेज जरूर गया कि पहलवान कांग्रेस के साथ हैं। पहलवानों के आंदोलन में सक्रिय बजरंग पूनिया भी दीपेंद्र और विनेश के साथ दिखे।
विनेश फोगाट को जिस तरह गाड़ियों के काफिले के साथ उनके गांव लाया गया और इसका सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रचार किया गया, उससे भी एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश जरूर गया है।
दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा में पांच बार सांसद रहे हैं और चार बार तो वह रोहतक से ही लोकसभा का चुनाव जीते हैं। हुड्डा के विनेश और बजरंग के साथ दिखने से पहलवानों के रूख को लेकर तस्वीर साफ हो गयी है।
दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के तहत पूरे हरियाणा में पदयात्रा भी निकाल रहे हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे भी हैं, इसलिए उनका विनेश फोगाट को एयरपोर्ट से बाहर लाना और स्वागत में विनेश के साथ खड़े रहने से इस मुद्दे का हरियाणा के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक असर होने से इनकार नहीं किया जा सकता।