अंकिता देशकर
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बच्चा सड़क पर नमाज़ अदा कर रहा है। दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद ऐसा हो रहा है। हमारी जांच में पता चला कि ये वीडियो दुबई का है।
क्या हो रहा है वायरल?
ट्विटर यूजर, भूषण लाल भट्ट (Displaced Kashmiri Hindu) ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘आज सुबह कर्नाटक की सड़क के दृश्य का आनंद लें, सेक्युलर हिन्दू जरूर देखें। जो वोट दिया है उसका असर देखें। एक मुस्लिम बच्चे के कारण पूरी ट्रैफिक का रूट बदल जाता है, यह लोग संविधान को भी अपने तरीके से चलाते हैं, बस कुछ समय बाद 40% होने दो फिर देखो क्या क्या करते हैं’।
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
इस पोस्ट को फेसबुक पर भी धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है।
जांच पड़ताल:
हमने इनविड टूल में वीडियो अपलोड कर अपनी पड़ताल शुरू की। हमें वीडियो के कई स्क्रीनग्रैब मिले और इसके चलते ट्विटर प्रोफाइल पर एक वीडियो अपलोड किया गया।
धड़ल्ले से साझा किए जा रहे वीडियो की तुलना में यह वीडियो बहुत स्पष्ट था। हमने वीडियो पर एक वॉटरमार्क देखा जिसमें लिखा था, @ajom75uddin। यह एक टिकटॉक वीडियो था। गूगल सर्च करने पर, हमनें पाया कि यही वीडियो टिकटॉक पर 6 जनवरी, 2023 और 10 जनवरी, 2023 को कर्नाटक चुनाव और नतीजों से महीनों पहले अपलोड किया गया था।
हमने यह टिकटॉक वीडियो डाउनलोड किया। इन वीडियो में कारों पर नंबर प्लेट दुबई का लग रहा था। वर्दी पहनने वाले की वर्दी पर भी शर्ट के पीछे अरबी में ‘सिक्योरिटी’ लिखा था। उपयोगकर्ता की फेसबुक प्रोफाइल, ‘@ajom75uddin’ में दुबई को उनके निवास स्थान के रूप में उल्लेख किया गया है। यह वीडियो उनके फेसबुक प्रोफाइल पर भी उपलब्ध है।
ये तथ्य इस ओर इशारा करने के लिए पर्याप्त थे कि वीडियो दुबई का था न कि कर्नाटक का। फिर हमने उर्दू में कुछ की-वर्ड्स का अनुवाद किया और यह देखने के लिए गूगल पर सर्च किया कि क्या इस बारे में कोई रिपोर्ट है। हमें अरबी में कुछ रिपोर्ट मिलीं।
हमने इस वीडियो को पोस्ट करने वाले फेसबुक और टिकटॉक यूजर @ajom75uddin से भी संपर्क किया है। जवाब मिलने पर फैक्ट चेक अपडेट किया जाएगा।
निष्कर्ष: कांग्रेस की जीत के बाद कर्नाटक की सड़कों पर एक लड़के द्वारा नमाज अदा करने का वायरल दावा झूठा और भ्रामक है। वायरल वीडियो दुबई का है न कि कर्नाटक का। यह वीडियो काफी पुराना भी है और हाल का नहीं है। (सोर्स- लाइटहाउस जर्नलिज्म)